Politics is complex and slippery. पॉलिटिक्स जितनी जटिल है, उतनी ही रपटीली भी। कब कैसे क्या हालात बन जाएं, इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं, लेकिन यह बहुत बुरी बात है कि किसी भी पार्टी की किसी महिला नेत्री को अपनी ही पार्टी के पुरुष कार्यकर्ता से जान को खतरा हो। बिहार में नरकटियागंज की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा के साथ ऐसा ही हुआ है। हर तरफ इसकी निंदा होनी चाहिए और रश्मि वर्मा को मदद मिलनी चाहिए। यह दुखद है कि किसी पार्टी की इतनी ‘अच्छी’ यानी तेजतर्रार महिला को जान से मारने का खतरा उत्पन्न होता है।
कार्यालय कर्मी से जान को खतरा
गौर करने वाली बात है कि उन्होंने अपने कार्यालय कर्मी (कार्यकर्ता) से जान का खतरा बताया है। उस पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने शिकारपुर थाने को आवेदन सौंपा है। इसमें मोतिहारी के अगरवा मोहल्ला निवासी संजय सारंगपुरी पर आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि कर्मी के पास पिस्तौल है। हाल के दिनों में घर के आसपास संदेहास्पद स्थिति में देखा गया है।
जाली हस्ताक्षर और पद का दुरुपयोग
एफआईआर में उन्होंने कहा है कि आरोपी मेरे कार्यालय में कार्यरत था। छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से उसने मेरा जाली हस्ताक्षर कर पद व नाम का दुरुपयोग किया। इसमें उसने जनता से पैसों की उगाही भी की। इधर, शिकारपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि आरोपी संजय सारंगपुरी के विरुद्ध पूर्व में भी मामला दर्ज है। विधायक के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।