Bihar (बिहार) में जातीय जनगणना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर 1 जून को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट की बैठक में इस बारे में प्रस्ताव लाया जाएगा। गणना के लिए समय सीमा भी तय होगी। सभी ने सर्वसमिति से फैसला किया कि हम लोगों की राय को ड्राफ्ट का रूप देकर कैबिनेट में लाया जाएगा।
किसी भी दल ने नहीं किया विरोध
नीतीश ने कहा कि सभी ने राय दी है कि जातीय जनगणना कराई जाए। सर्वसमिति से यह फैसला हुआ है कि जातीय जनगणना हो। किसी ने भी इसे लेकर विरोध नहीं किया है। कैबिनेट के माध्यम से एक समय सीमा के भीतर इसे पूरा कराया जाएगा। समय भी बहुत कम रखा जाएगा। सभी धर्मों की जातीय गणना होगी। जातियों के साथ ही उपजातियों की भी गणना की जाएगी। गणना के लिए विशेष ट्रेनिंग भी कराई जाएगी।
राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए था
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमलोग मिले और अनुरोध किया कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना होनी चाहिए। पर, कुछ समय के बाद हुआ कि राष्ट्रीयस्तर पर यह नहीं होगा। राज्यस्तर पर करना होगा। राज्यस्तर पर अपनी तरफ से इसको करना है। बीच में विधान परिषद चुनाव आदि को लेकर सर्वदलीय बैठक में थोड़ी देरी हुई है। एक सवाल पर कहा कि जाति की गणना का विरोध नहीं हुआ है। सिर्फ यह बात कही गई थी कि राष्ट्रीयस्तर पर यह हो नहीं पा रहा है। पर, सभी राज्य धीरे-धीरे इसे कराने पर विचार कर रहे हैं। सभी राज्यों में यह हो जाएगा तो राष्ट्रीयस्तर पर यह स्वत: आंकड़ा आ जाएगा।
जातीय गणना का फैसला राजद की जीत
बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय गणना का फैसला राजद की जीत है। तेजस्वी ने कहा कि जब संसद में सरकार ने जातीय जनगणना से इनकार कर दिया तो हम लोगों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया। हमने राज्य सरकार से खुद गणना कराने की अपील की। यह लालू जी की जीत है। यह बिहार के गरीबों की और सभी लोगों की जीत है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा की ओर से डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद, राजद की ओर से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और सांसद मनोज झा भी पहुंचे हुए हैं। एआईएमआईएम की तरफ से अख्तरुल ईमान, कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा, माले विधायक महबूब आलम बैठक में मौजूद रहे।