Bihar (बिहार) में सियासत का ऊंट करवट बदलने के लिए उन्मुख है, ऐसा लगता है। होगा क्या, यह कुछ दिनों के बाद स्पष्ट हो जाएगा। नीतीश कुमार ऐसे धैर्य और खामोशी का परिचय दे रहे हैं, जो उनके स्वभाव के अनुकूल है। वह बोलते कम हैं, रणनीति बनाकर निर्णय में अधिक विश्वास करते हैं। अभी के माहौल में इसी बात की खास तौर पर चर्चा चल है और नीतीश राजधानी पटना से बाहर एक तरह से भ्रमण पर हैं। इसी क्रम में मां गंगा की कलकल धारा को देखकर वह ताली बजाते हैं और नमन करते हैं। मां गंगा ने उन्हें बुलाया नहीं, वह उनकी शरण में खुद गए। याद रखें वाराणसी में नहीं, वहां तो कभी किसी को मां गंगा ने बुलाया था।
बिना किसी सियासी चाहत के…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जल संरक्षण में गंगा उद्वह योजना देश में अनुपम उदाहरण पेश करेगी। उन्होंने नालंदा, नवादा, गया और बोधगया में इस योजना के अंतर्गत होने वाली गंगाजल आपूर्ति की प्रगति का जायजा लिया। इसी क्रम में नवादा के मोतनाजे और नालंदा के घोड़ाकटोरा में गंगा की कलकल धारा बहते देख सीएम प्रसन्नता का ठिकाना ना रहा और उन्होंने ताली बजाकर मां गंगा को नमन किया। किसी भी सियासी चाहत से खुद को परे रखकर।
घर-घर शुद्ध गंगा जल की आपूर्ति
सीएम ने घोड़ाकटोरा में गंगाजल का संग्रहण और मोतनाजे में उसका ट्रीटमेंट व घरों तक आपूर्ति के लिए बनाई गईं संरचनाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएम ने नवादा में पत्रकारों से कहा कि इसी साल राजगीर, नवादा, गया और बोधगया के घरों में शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति होगी। गंगाजल को शुद्ध कर पाइप के माध्यम से लोगों के घरों में सालोंभर आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बरसात के चार महीने तक गंगा नदी से वाटर अपलिफ्ट कर वर्ष के शेष आठ महीने जलापूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी स्टोर किया जाएगा। नालंदा विवि के लिए 70 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है, उसमें से दस एकड़ भूमि गंगाजल आपूर्ति योजना के लिए इस्तेमाल की जाएगी।