Bihar politics : शनिवार यानी 6 अगस्त का दिन बिहार की सियासत के लिए हलचल से भरा रहा। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह अर्थात रामचंद्र प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। याद कीजिए, उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा से अपनी पार्टी में लाए थे। उन्हें महासचिव से लेकर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया और जब केंद्र में पार्टी से एक ही व्यक्ति के मंत्री बनने की बात हुई तो उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनवाया। लेकिन, आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों में दूरी इतनी बढ़ती गई कि अंततः आरसीपी सिंह को पार्टी छोड़ना पड़ा। उनके रिजाइन करने के ठीक पहले भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब वह अपनी पार्टी बनाएंगे। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद एक सवाल के जवाब में उन्होंने तपाक से कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, एक जन्म की तो बात ही छोड़िए।
अपने गांव में किया इस्तीफे का एलान
सिंह ने आज नालंदा के अपने गांव मुस्तफापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जेडीयू छोड़ने का एलान किया और अपनी पार्टी बनाने की बात कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। यदि अगर आपको मुझसे नाराजगी है तो मुझसे निपटें। बच्चों को इसमें क्यों घसीटें… क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है। 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं।
पार्टी ने क्या दिया था नोटिस
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया था, “नालन्दा जिला जनता दल (यू०) के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है, जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराई गई है। इसमें कई प्रकार की अनियमितताएं दृष्टिगोचर होती हैं। आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्त्ता के रूप में काम करते रहे हैं।
भ्रष्टाचार पर नीतीश का जीरो टॉलरेंस
आपको माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केन्द्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया। आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेन्स पर काम करते रहे हैं और इतने लम्बे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता (नीतीश कुमार) पर कभी कोई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनाई। निदेशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के तथ्यों पर बिंदुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएंगे।”