भू-जलवायु व सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के कारण भारत कई प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिए अलग-अलग स्थिति में संवेदनशील रहा है। भारत चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूकंप, भूस्खलन आदि के लिए अत्यधिक संवेदनशील हैं। स्थानीय लोगों द्वारा जोखिम कम करने और जल्दी ठीक होने में अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए पंचायती राज मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन योजना तैयार की है, ताकि समुदाय एवं सभी पंचायती राज संस्थाओं को किसी भी आपदा के लिए तैयार किया जा सके।
और सशक्त होंगे गांव और पंचायत
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए देश के सभी गांव एवं पंचायत को और सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए तैयार किया गया पंचायती राज मंत्रालय के ”आपदा प्रबंधन योजना” का विमोचन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 के प्रबंधन एवं उसके प्रभाव को कम करने में पंचायतों की भूमिका तथा विशेष रूप से जागरूकता पैदा करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के खिलाफ गांव-पंचायत द्वारा सामूहिक लड़ाई का नेतृत्व करने की सराहना की है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा तैयार की गई आपदा प्रबंधन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और योजना में अभिसरण लाने में सरकार के प्रयासों में योगदान देगी।
”ग्राम आपदा प्रबंधन योजना”
पंचायती राज मंत्रालय के आपदा प्रबंधन योजना में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति 2009 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अलावा कई नवाचार शामिल हैं। इस आपदा प्रबंधन योजना (डीएमपी-एमओपीआर) को गांव से लेकर जिला पंचायत स्तर तक समुदाय आधारित योजना के व्यापक परिप्रेक्ष्य में तैयार किया गया है। योजना के तहत प्रत्येक गांव में ”ग्राम आपदा प्रबंधन योजना” होगी और प्रत्येक पंचायत की अपनी आपदा प्रबंधन योजना होगी।