Bihar (बिहार) में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को समाप्त कर दिया है। इस पर रोक लगा दी गई है। अब बिहार में सिर्फ सीटेट पास अभ्यर्थी ही शिक्षक बन सकेंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने खुद आधिकारिक पत्र लिखकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को अवगत कराया है।
राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने दी यह जानकारी
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) कराई है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अलग से कराने का औचित्य नहीं जान पड़ता। ऐसा प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के सचिव को लिखे एक पत्र में कहा है। यह पत्र ट्विटर पर रवि प्रकाश ने डाला है। इस पत्र के बाद साफ हो गया है कि बिहार सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) नहीं लेगी।
हाई कोर्ट ने परीक्षा समिति से कहा था स्थिति स्पष्ट करने को
बता दें कि बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी सरकार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दे रखी है। बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं होने पर शिक्षक बनने के योग्य अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था। इसके बाद विद्यालय परीक्षा समिति ने शिक्षा विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी। शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पत्र लिखकर सरकार के फैसले की जानकारी दे दी।
TET से कठिन है CTET
केंद्र की ओर से साल में दो बार सी-टेट का आयोजन होता है। बिहार के ऐसे व्यक्ति जो शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं, उन्हें केंद्र सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता (CTET ) परीक्षा पास करनी होगी। बता दें कि CTET की परीक्षा TET से टफ होती है।