उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैंट थाना क्षेत्र स्थित निलमत्था निवासी रेलवे ठेकेदार वीरेन्द्र ठाकुर (42) की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। मारे गए अपराधी वीरेन्द्र के बिहार सहित कई अन्य जिलों में 23 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। वह बिहार का मोस्ट वाटेंड अपराधियों की सूची में भी शामिल था। उसकी हत्या किस वजह से की गई है, इसका खुलासा करने के लिए पुलिस की कई टीम तफ्तीश में जुटी हुई हैं।
लखनऊ के कैंट थाना क्षेत्र में रह रहा था अपराधी
बिहार के पश्चिमी चंपारण निवासी वीरेन्द्र कई सालों से दूसरी पत्नी खुशबुन तारा और तीन बच्चे अंश, ऋषि और अभिषेक के साथ कैंट इलाके में रह रहा था। पत्नी के मुताबिक, पति रेलवे में ठेकेदारी करते थे। वर्ष 2019 में उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिससे वह चल फिर नहीं सकते थे। घर पर ही रहकर मोबाइल और अन्य दोस्तों के सहयोग से ठेकेदारी करते थे। अपनी व परिवार की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों को भी लगाया था।
मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे तीन बदमाश
मारे गए अपराधी की पत्नी ने बताया कि शनिवार दोपहर को मोटरसाइकिल सवार तीन युवक आये और मुझे और मेरे बेटे को कमरे में बंद कर दिया। तीसरा बेटा स्कूल गया हुआ था। इसके बाद तीनों ने पति की गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात के बाद बदमाश फरार हो गये और घर में सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी ले गए। सुरक्षाकर्मी भी भाग निकले। हत्या का आरोप वीरेन्द्र की पहली पत्नी पर लग रहा है, लेकिन परिवार की ओर से इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि जिस तरह से वारदात को बदमाशों ने अंजाम दिया है। उससे यह प्रतीत हो रहा है कि बदमाश वीरेन्द्र और सुरक्षा कर्मियों को अच्छी तरह से जानते हैं। हत्या करने वाला कोई करीबी है। पुलिस सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है, जल्द ही घटना का खुलासा किया जायेगा।
2019 में भी वीरेन्द्र को मारी गई थी गोली
पत्नी ने बताया कि वर्ष 2019 में चारबाग के होटल के पास वीरेंद्र पर जानलेवा हमला हुआ था। इस मामले में पुलिस ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने खुलासा किया था कि वीरेन्द्र के विरोधी ठेकेदार ने अपनी बेटी से वीडियो कॉल करवाकर उसे हनीट्रैप में फंसाया था। उसे मिलने के होटल बुलाया, जब वह होटल पहुंचा तो उसकी हत्या करने की नीयत से फायरिंग की, जिसमें वह गोली लगने से घायल हो गया था। डॉक्टरों ने इलाज के बाद उसे अपाहिज घोषित कर दिया था।