BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर अपनी सोच, समझ और तार्किकता से अलग किस्म की नेत्री हैं। जो बोलती हैं, उसके आगे-पीछे कितना सोचती हैं, यह सिर्फ वही जानती हैं। बराबर नहीं बोलती हैं। कम ही बोलती हैं, पर जब बोलती हैं तो जोरदार बोलती हैं। बोलने के पीछे का एजेंडा छुपा नहीं होता है।
प्रज्ञा ठाकुर अपने बयान से एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी से निलंबित नूपुर शर्मा के समर्थन में बयान दिया है। सांसद ने कहा कि सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं।
जय सनातन,जय हिंदुत्व
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 9 जून की रात को ट्वीट किया कि सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। जय सनातन, जय हिंदुत्व। इस ट्वीट के बाद सांसद ने कहा कि मैं सत्य बोलने के लिए बदनाम हूं। उन्होंने ज्ञानवापी का नाम लिए बिना कहा कि यह एक सत्य है कि वहां शिव मंदिर था और है और रहेगा। उसे फव्वारा कहना गलत है। यह हमारे हिंदू देवी-देवता औैर सनातन धर्म पर कुठाराघात है, इसलिए हम असलियत बताएंगे। हमारी असलियत तुम बता दो हमें स्वीकार है, लेकिन तुम्हारी असलियत बता रहे हैं तो क्यों तकलीफ है। इसका मतलब है कि कहीं न कहीं इतिहास गंदा है। उन्होंने कहा कि ये भारत हिंदुओं का है और यहां सनातन जिंदा रहेगा। इसे जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे रखेंगे।
कुछ विधर्मी देते हैं अपनी मानसिकता का परिचय
उन्होंने आगे कहा कि हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी अगर कुछ बोलते हैं तो उनकी हत्या कर दी जाती है। अगर कोई और कुछ कहता है तो उसे धमकी मिलती है। कुछ विधर्मी हमारे देवी-देवताओं पर फिल्म बनाकर, गाली देकर अपनी मानसिकता को पेश करते हैं।