पश्चिम बंगाल के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति नियुक्त किए जाने संबंधी ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के फैसले का विरोध करने के लिए भाजपा ने नयी रणनीति बनाई है। अगले 10 जून से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भाजपा के विधायक नकली विधानसभा सत्र का आयोजन कर मंत्रिमंडल के फैसले का विरोध करेंगे।
दोनों विधेयक को विधानसभा से कराना होगा पास
पार्टी के एक सूत्र ने सोमवार को बताया है कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसके अलावा शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को प्राइवेट विश्वविद्यालयों के पर्यवेक्षक बनाए जाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। इन दोनों प्रस्तावों को अमली जामा पहनाने के लिए विधानसभा में विधेयक के तौर पर उसे पारित कराने की जरूरत होगी।
बहुमत में है टीएमसी इसलिए पारित हो जाएगा विधेयक
पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा में चुकी टीएमसी के विधायकों का बहुमत है, इसलिए आसानी से प्रस्ताव पारित हो सकेगा। इसी के विरोध में भाजपा विधायकों ने नकली विधानसभा सत्र आयोजित करने की तैयारी की है। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि इसके जरिए सांकेतिक विरोध तो जताया ही जाएगा साथ ही विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से विधेयक पेश किए जाने पर भारी विरोध भी होगा। कुल मिलाकर कहें तो महज दो दिनों बाद शुरू होने वाले मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
भाजपा के 5 विधायक साल भर के लिए हैं निलंबित
विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने पहले ही नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी सहित पार्टी के पांच विधायकों को पूरे साल के लिए निलंबित किया है। इस फैसले के खिलाफ भाजपा के बाकी विधायकों ने भी तब तक विधानसभा में कदम नहीं रखने का निर्णय लिया है जब तक इन विधायकों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता। अब खबर है कि भाजपा के सभी 70 विधायक विधानसभा के बाहर नकली सत्र आयोजित कर ममता सरकार के विधेयकों के खिलाफ विरोध जताएंगे।
10 जून से शुरू होगा मॉनसून सत्र
गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र 10 जून से शुरू हो रहा है। पहले दिन का सत्र दिवंगत राजनेताओं और प्रबुद्ध हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुल्तवी कर दिया जाएगा। उसके बाद राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर मुख्यमंत्री को नियुक्त किए जाने के मंत्रिमंडल के फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए 13 से 18 जून के बीच विधेयक पेश कर पारित कराया जाएगा। इसी दौरान भाजपा के विधायक सदन के बाहर निकली विधानसभा सत्र का आयोजन करेंगे।