राजनीति संभावनाओं का खेल है। यहां किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। कब किसके साथ किसकी गोटी फिट हो जाए यह बताना राजनीति में संभव नहीं है। लेकिन अंदर खाने में जो खिचड़ी पक रही है, उससे एक खबर निकल कर आ रही है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। यह चर्चा कैप्टन के अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को भाजपा में मर्ज करने की तैयारी के बाद तेज हो गई है। यह सर्वविदित है कि कैप्टन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बहुत अच्छे संबंध हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी मर्ज करने के साथ उनकी उम्मीदवारी का एलान होगा।
कैप्टन के सहारे पंजाब साधने की कोशिश
भारतीय जनता पार्टी कैप्टन के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। खासकर सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए भाजपा दांव खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी सिख शख्सियतों से मिल रहे हैं। वहीं, लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश उत्सव भी मनाया जा चुका है। कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज हैं। शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह वह चर्चित नेता हैं। इसलिए कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर नजर लगाए बैठी है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के चलते सिख भाजपा से नाराज चल रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में फेल रहे कैप्टन अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। उनका साढ़े नौ साल का कार्यकाल रहा। पिछले साल चुनाव से 3 महीने पहले कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया। कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई। फिर भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, पर उनके ज्यादातर उम्मीदवार हार गए। इस चुनाव में स्वयं कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी हार का मुंह देखना पड़ा। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भी महज 2 सीटें मिल पाईं।