नौसेना और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के बीच अनुबंध पर अगले माह मार्च में किये जायेंगे हस्ताक्षर, करीब 19 हजार करोड़ रुपये का होगा सौदा, कई युद्धपोतों से किया जा चुका है परीक्षण
National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने भारतीय नौसेना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये की 200 विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के अधिग्रहण के लिए बड़े सौदे को मंजूरी दी है। नौसेना और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के बीच अनुबंध पर मार्च, 2024 के पहले सप्ताह में हस्ताक्षर किये जायेंगे। इस मिसाइल की रेंज 450-600 किमी है।
भारतीय नौसेना ने स्वदेशी बूस्टर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया है, जो भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा है। इस संयुक्त उद्यम में डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
लैंड-अटैक मिसाइल का भी सफल परीक्षण हो चुका है
नौसेना अपने वॉरशिप आईएनएस विशाखापत्तनम, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ, युद्धपोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस रणविजय, स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से समय-समय पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण कर चुकी है। नेवी के पास समुद्र में दागने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के चार वैरिएंट्स हैं। युद्धपोत से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल नौसेना के पास पहले से हैं। पनडुब्बी से दागी जानेवाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल का भी सफल परीक्षण हो चुका है और जल्द ही नौसेना के जखीरे में शामिल होंगी।