Central Home Ministry (केंद्रीय गृह मंत्रालय) के अंतर्गत आने वाले देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के एक DIG को कई वर्ष पहले से ही सेवा से हटा दिया गया है। यानी उन्हें जबरन रिटायरमेंट दे दी गई है। मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि इंफाल में तैनात डीआईजी रेंज, आरएस रौतेला ने कई जगहों पर अपनी मनमानी की है। उन्होंने फोर्स के नियमों का कथित उल्लंघन किया है। उन्हें कई बार चेताया गया था, लेकिन इसके बावजूद वे अपनी मनमर्जी से काम करते रहे। बल मुख्यालय ने उन्हें तीन माह का नोटिस देकर घर भेजने के आदेश जारी किए हैं। सीआरपीएफ में कई वर्षों बाद ऐसी सख्त सजा देने का मामला सामने आया है।
क्या है केंद्र सरकार का नियम
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के नियमानुसार 25 साल की सेवा के बाद या संबंधित कर्मी व अधिकारी की आयु 50 साल होने पर उसकी समीक्षा की जाती है। पहले इस समीक्षा को हल्के में ले लिया जाता था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस समीक्षा को गहराई से किया जाने लगा है। पहले रिव्यू में अगर किसी अफसर की खराब रिपोर्ट है, तो उसे छोटी-मोटी सजा देकर छोड़ देते थे। अब न केवल अर्धसैनिक बलों, अपितु केंद्र के दूसरे विभागों में भी ऐसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। डीओपीटी द्वारा इस बाबत समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते रहे हैं।