CJI DY Chandrachud’s entry amid farmers’ movement, said – let me know if you are stuck in a jam, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर किसान संगठन पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। दिल्ली चलो के नारे लगाते हुए हजारों किसानों ने संसद घेराव करने की घोषणा की है। इस मार्च से कई जगह भीषण जाम लग चुका है। इस मुद्दो को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया। बॉर एसोसिएशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई थी। जिसका संज्ञान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने लिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जाम में फंसे हो तो मुझे बताएं। कई वकीलों के केस कोर्ट में लगे हुए हैं। जाम के चलते कई वकील सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंच पाएं। किसान आंदोलन के मद्देनजर परेशानी का जिक्र सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से किया गया। दिल्ली कूच के मार्च के बाद कई किलोमीटर तक रेंगता हुआ ट्रैफिक देखने को मिल रहा है।
स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आग्रह
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ आदिश सी अग्रवाल ने मंगलवार को दिल्ली की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के लिए भारत के CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। अग्रवाल ने कहा कि नाकेबंदी से यह संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय, विभिन्न आयोगों, न्यायाधिकरणों व जिला अदालतों के वकीलों को अदालती कार्यवाही में भाग लेने में दिक्कत हो सकती है। उन्होंने CJI से आग्रह किया कि जब तक दिल्ली की सीमाओं पर जनता की मुक्त आवाजाही के लिए बाधाएं दूर नहीं हो जातीं, तब तक किसी भी मामले में गैर-उपस्थिति के कारण प्रतिकूल आदेश” पारित न करें। किसानों के मार्च को लेकर दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने पहले से ही धारा 144 लागू कर दी है। किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए सीमाओं को कंक्रीट ब्लॉकों, कंटीले तारों आदि से मजबूत कर दिया है। प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर आंसू गैस ड्रोन का इस्तेमाल किया।
केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध : मुंडा
इधर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार को जो जानकारी मिल रही है, उसमें बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो इसमें कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने जिससे वातावरण खराब हो। मैं किसान भाइयों से कहूंगा कि इन चीजों से वे बचें। केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिकांश बातों पर हम बात करने के लिए तैयार हैं। उसके कई विकल्प वे भी दे सकते हैं हम भी विकल्प दे सकते हैं, एक विकल्प पर आकर हम एक समाधान ढूंढ सकते हैं।