मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बनर्जी दंपति सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है। मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस के तार बंगाल कोयला घोटाला से जुड़े हुए हैं। बनर्जी शनिवार को ईडी के दिल्ली दफ्तर में पेश हुए, जहां उनसे पूछताछ की गई।
पूछताछ के लिए रविवार को ही दिल्ली गए थे
अभिषेक बनर्जी दंपति पूछताछ के लिए रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गए थे। साल 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बनर्जी से ईडी ने 8 घंटों से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। उस दौरान बनर्जी दंपति ने दिल्ली हाईकोर्ट से ईडी को निर्देश देने के मांग की थी कि उन्हें दिल्ली आन के लिए तलब न किया जाए, क्योंकि वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। हालांकि, उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को समन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा
टीएमसी नेता ने पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाए जाने पर आपत्ती जताई थी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर यात्रा करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा था, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। मेरे लिए रास्ता खुला है। और हमें देश की शीर्ष न्याय व्यवस्था पर भरोसा है।’ बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि ईडी का कार्यालय कोलकाता में भी है।
बीजेपी के आगे नहीं झुकेंगे
रविवार को बनर्जी ने कहा था, ‘हम बीजेपी के सामने नहीं झुकेंगे, जो ऐसा बदला लेने के लिए कर रहे हैं, क्योंकि बंगाल के लोगों ने उन्हें नकार दिया है। मैंने बीते साल अगस्त में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने ईडी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी… कोर्ट ने चार महीने तक याचिका पर सुनवाई की और अपना आदेश और तीन महीनों के लिए सुरक्षित रख लिया। फिर भाजपा के प्रदेश चुनाव जीतने के एक दिन बाद, कोर्ट ने अचानक मेरी याचिका खारिज कर दी…। यह संयोग नहीं हो सकता। मेरे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विल्प खुला हुआ है और मुझे अदालत पर भरोसा है।’