cpr technique: you can also save the life of a heart patient, 10 lakh people will be trained : कार्डियक अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज को अस्पताल पहुंचने से पहले समय पर उचित प्राथमिक उपचार मिल जाये, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इसके मद्देनजर लोगों को महत्त्वपूर्ण कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन ( सीपीआर) की तकनीक समझाने के लिए बुधवार से राष्ट्रव्यापी जन जागरुकता अभियान शुरू किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देगा ट्रेनिंग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जागरुकता कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के साथ राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार ने हिस्सा लिया। स्वास्थ्य मंत्रालय बुधवार को एक साथ 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित करेगा। नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) के तत्वावधान में शुरू इस अभियान में लोगों को सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी जायेगी।
क्या है सीपीआर तकनीक
सीपीआर आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को आॅक्सीजन मिलती है और सांस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद आॅक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, डूबना, सांस घुटना और करंट लगना जैसी स्थितियों में सीपीआर की आवश्यकता हो सकती है।
अगर व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक गयी है, तो जल्द से जल्द उसे सीपीआर देना चाहिए। अगर ऐसा न किया गया, तो पर्याप्त आक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगती हैं। मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में खत्म होने लगती हैं, जिससे गम्भीर नुकसान या मौत भी हो सकती है।