Cyclonic storm ‘Remal’, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Kolkata news : चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ रविवार की आधी रात को सगर द्वीप, बंगाल व खेपुपारा, बांग्लादेश के बीच 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकरा गया था। इसके बाद अचानक मौसम में परिवर्तन दिखने लगा। तूफान के प्रभाव के कारण बंगाल, ओडिशा और त्रिपुरा के कई जिलों में भारी बारिश शुरू हो गई थी। अब मौसम विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि तूफान के कारण मौसम में बदलाव जरूर आया है, पर इसका मानसून के सिस्टम पर असर नहीं है।
समय से पहले टकराया ‘रेमल’
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून की दस्तक के ठीक पहले आए तूफान से दक्षिण पश्चिम मानसून पर विपरीत असर नहीं दिखेगा। आमतौर पर जब कोई तूफान सक्रिय होता है तो नमी खींच लेता है। तूफान को तट पार करने में 4 से 5 दिन लगते हैं तो मानसून कमजोर हो जाता है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं दिखाई पड़ रहा है। रेमल तूफान 2 दिन में ही तट से टकरा गया और तेजी से गुजरने से नमी बंगाल की खाड़ी में बची रह गई। इससे मानसूनी धाराएं मजबूत हुईं और मानसून की रेखा 10 दिन पहले से ही उन हिस्सों तक पहुंच गई, जहां उसे 5 जून तक पहुंचना था।इस बीच अरब सागर में मानसूनी बादलों की पहली खेप पहुंच चुकी है। वहां मानसून की दस्तक के लिए माहौल तेजी से अनुकूल हो रहा है। अगले तीन दिनों तक ऐसी परिस्थितियों बनी रहेंगी। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि दो-तीन दिनों में मानसून दस्तक देगा। पहले उम्मीद थी कि 31 मई तक मानसून केरल में पहुंचेगा, लेकिन अब इसके पहले ही पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने जो बताया था
उसके पहले मौसम विभाग ने बताया था कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और उनका वेग 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगा। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। मौसम कार्यालय ने बताया कि ‘रेमल’ उत्तर की ओर बढ़ रहा है और रविवार आधी रात तक मोंगला बंदरगाह के दक्षिण-पश्चिम के निकट सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों को पार करने से पहले इसके और तेज होने की संभावना है। कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में रविवार शाम से 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे।
‘अम्फान’ से कम विनाशकारी
दत्ता ने कहा ‘रेमल नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन इसके 2020 में आए चक्रवात ‘अम्फान’ के मुकाबले कम विनाशकारी रहने की संभावना है।’ चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं।
394 उड़ानों का हवाई अड्डे से संचालन नहीं
भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 उड़ानों का हवाई अड्डे से संचालन नहीं होगा। भारतीय तट रक्षक बल (आईसीजी) के कोलकाता मुख्यालय वाले उत्तर पूर्व क्षेत्र के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं कि समुद्र में जान-माल का कोई नुकसान न हो। कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन निलंबित रहेगा। चक्रवात रविवार सुबह साढ़े 11 बजे तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इस दौरान 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और उनका वेग 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक था। यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है।
बहुत भारी बारिश का अनुमान
मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है। असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने के कारण निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका है। मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।
27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है
नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। पूर्वी रेलवे ने रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक सियालदह दक्षिण और बारासात-हसनाबाद खंड में ट्रेन सेवाओं को एहतियातन निलंबित कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप कई लोकल ट्रेन रद्द कर दी गईं। दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी रविवार को कांडारी एक्सप्रेस और रविवार एवं सोमवार को दीघा से आने-जाने वाली कुछ रेल रद्द कर दी हैं। उत्तरी ओडिशा में बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिलों में 26-27 मई और मयूरभंज में 27 मई को भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तर बंगाल के जिलों कूच बिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में 28-29 मई को अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। इसके अलावा दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से तीव्र हो रहे हैं और लंबे समय तक अपना प्रभाव बरकरार रख रहे हैं। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पाई के अनुसार, समुद्री सतह के गर्म होने का मतलब अधिक नमी है, जो चक्रवातों के तीव्र होने के लिए अनुकूल है।