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बाप की मिन्नतों को रौंद बेटी ने प्रेमी संग लिये सात फेरे !

बाप की मिन्नतों को रौंद बेटी ने प्रेमी संग लिये सात फेरे !

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प्रेम का रोग बड़ा बुरा माका नका ग बाई माका नका…

Uttar Pradesh news, UP news, love story Shabnam and Nitin, dibiyapur police station : प्रेम-प्यार की मदांधता जब हावी हो जाती है, तो कुछ भी न दिखलाई पड़ता है, न सुनाई पड़ता है। यह बात उस समय चरितार्थ होती दिखी जब एक पिता अपनी बेटी से मिन्नतें करता रहा और बेटी ने बाप की एक नहीं सुनी। मिन्नतों को रौंदते हुए उसने अपने प्रेमी संग सात फेरे ले लिये। उसे अपना जीवन साथी बना लिया। यह सब कुछ हुआ थाना परिसर में अवस्थित मंदिर में और ताज्जुब की बात यह कि पुलिस को पता ही नहीं चला। चौंकिये मत ! यह किसी फिल्म की कहानी नहीं,  बल्कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र की घटना है।

शबनम और नितिन एक – दूसरे से करते थे प्यार

यहां का एक इलाका है संजय नगर। यहां के रहनेवाले शबनम और नितिन पिछले कई सालों से एक-दूसरे से प्रेम करते थे। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन, पेंच फंस रहा था मजहब का। बिरादरी एक नहीं होने की वजह से लड़की के घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। लेकिन, शबनम और नितिन को घरवालों के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। दोनों ने भाग कर शादी करने का फैसला कर लिया। फिर, क्या था, सीधे पहुंच गये थाने और वहीं बने मंदिर में पंडित को बुला कर शादी कर डाली। इस बात की खबर जैसे ही लड़की के पिता को लगी, वह थाने पहुंचा और फेरे ले रही बेटी को अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा। इसका बेटी ने विरोध किया। हंगामा देख वहां और लोग भी आ जुटे और बेटी का साथ देते हुए पिता को अलग किया और शादी हो जाने दी। नितिन ने शबनम की मांग में सिन्दूर भरा और इस तरह दोनों शादी के बंधन में बंध एक-दूसरे के जीवन साथी बन गये।

प्रकरण की खास बात यह रही कि इतना सबकुछ होता रहा और पुलिस को इसकी खबर ही नहीं लगी। पिता की चीख-पुकार नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह गयी। वहां मौजूद लोग भी एक बाप का दर्द समझने के बजाय तमाशबीन बने रहे।

शादी के बाद खुश हैं शबनम और नितिन

बहरहाल, शबनम और नितिन दोनों ही इस शादी से खुश हैं और दोनों ने एक-दूसरे की मर्जी से शादी की है। शबनम ने बताया कि उसके पिता इस शादी के खिलाफ थे। इस वजह से उसने यह शादी मंदिर में की है। इस पूरे मामले को लेकर दिबियापुर थाने के सब इस्पेक्टर देवेन्द्र ने बताया कि दोनों बालिग थे और दोनों ने थाने में आकर कहा था कि हम दोनों शादी करना चाहते हैं। लेकिन, घरवाले राजी नहीं हैं। ये दोनों पिछले दो सालों से एक-दूसरे से प्रेम करते थे। हालांकि, पुलिस ने थाना परिसर में बने मंदिर में हुई शादी और पिता के रोकने पर भी पुलिस द्वारा कोई एक्शन नहीं लिये जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। केवल इतना ही कहा कि अक्सर लोग मंदिर में बैठने आ जाते हैं। समीप में ही रेलवे स्टेशन है। कंस्ट्रक्शन का काम भी चल रहा है। इस कारण कुछ पता नहीं चल पाया।

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