Delhi (दिल्ली) की एक विशेष अदालत ने 7 April को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन के एक मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख और जाने-माने पत्रकार आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को वापस लेने और उनसे माफी मांगने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि एजेंसी की ओर से सीबीआई निदेशक पटेल से “लिखित में माफी” मांगकर अपने अधीनस्थ की चूक को स्वीकार करें। इससे प्रमुख संस्थान में जनता के विश्वास को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
30 अप्रैल तक निर्देश का पालन करते हुए कोर्ट को देना है रिपोर्ट
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने यह आदेश पारित किया और जांच एजेंसी को 30 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि आर्थिक नुकसान के अलावा, अर्जीकर्ता को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह निर्धारित समय पर नहीं पहुंच सके।
मुआवजे के लिए अर्जीकर्ता अदालत या अन्य मंच का खटखटा सकता है दरवाजा
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अर्जीकर्ता मौद्रिक मुआवजे के लिए अदालत या अन्य मंच का दरवाजा खटखटा सकता है। इस अदालत का सुविचारित मत है कि इस मामले में सीबीआई के प्रमुख अर्थात निदेशक, सीबीआई द्वारा अर्जीकर्ता को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए एक लिखित माफी न केवल उनके घावों को भरेगी, बल्कि इस प्रमुख संस्थान में जनता के विश्वास को बनाए रखेगी।’’