Delhi Excise Scam: Arvind Kejriwal sent to 10 days ED custody, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 6 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने केजरीवाल को 10 दिनों के लिए हिरासत में भेजने की मांग की थी।
ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेज से पता चला है कि केजरीवाल ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। राजू ने कहा कि विजय नायर केजरीवाल के पास दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिये गये घर में रह रहे थे। नायर ने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभायी। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी थी। इस बात की पुष्टि बयानों से होती है। केजरीवाल ने के. कविता से भी मुलाकात की थी।
राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी की प्रमुख गतिविधियों को संचालित करते हैं। वह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया। राजू ने कहा कि पैसे के लेन-देन की पूरी पड़ताल के लिए अरविंद केजरीवाल को दूसरे आरोपितों के सामने बैठा कर पूछताछ करनी है।
उन्होंने कहा कि आबकारी घोटाला मामले में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मिटाया गया है। कई फोन नष्ट किये गये या फॉर्मेट किये गये, ताकि जांच में परेशानी हो। राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल समन के पहले गिरफ्तार नहीं किये गये हैं। उन्होंने कहा कि कब किसको गिरफ्तार करना है, ये जांच अधिकारी के दायरे में आता है। ऐसा कुछ भी नहीं है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 19 के प्रावधानों का उल्लंघन करके की गयी है।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हिरासत स्वत: नहीं होती। हिरासत के लिए मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 19 को संतुष्ट करना होता है। सिंघवी ने कहा कि हिरासत में लेने के लिए जरूरत बतानी होती है। उन्होंने कहा कि ईडी को गिरफ्तार करने का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसे पूछताछ के लिए भी गिरफ्तारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिरासत में लेने की पूरी अर्जी में कुछ पैरा को छोड़ कर गिरफ्तार करने की वजह को ही कॉपी-पेस्ट किया गया है।
दरअसल, 21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम उनसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।