Delhi News : किसी भी कारण से जब एक जवान बेटा अपनी बूढ़ी मां का कत्ल करता है, तो दिल दहल जाता है। जिंदगी की तल्ख सच्चाई बहुत कुछ बिना बोले बताने लगती है। ऐसा ही एक वाकया दिल्ली में हुआ है। यहां बुद्ध विहार में अपनी विधवा मां मिथिलेश की हत्या करने के बाद 25 साल के क्षितिज ने सुसाइड कर लिया। क्षितिज ने 77 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इस सुसाइड नोट को पढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी हैरान हैं। सुसाइड नोट के मुताबिक, क्षितिज ने अपनी मां की हत्या 1 सितंबर को ही की थी और दो दिन तक वो मां की लाश के साथ रहने के बाद खुद सुसाइड किया। सुसाइड नोट में मां की हत्या करने के बाद दो दिन तक उसने घर में क्या-क्या किया, उसका भी जिक्र किया है।
कोई नहीं था दोस्त…
क्षितिज ने सुसाइड नोट में बताया है कि उसका कोई दोस्त नहीं था, पिता की मौत के बाद आर्थिक तंगी थी, मां बीमार रहने लगी थीं। खुद वो बीमार रहने लगा था। इलाज करने के पैसे नहीं थे। मां को बीमारी वाली शरीर से मुक्ति दिलाना चाहता था। फिर उसने सबसे पहले मां का गला घर मे रखे वायर से दबाया, उसके बाद घर में रखे नुकीले कटर से गला काटकर हत्या कर दी।
मां की डेड बॉडी के साथ रहा 2 दिन
इसके बाद वो मां की लाश के साथ दो दिन रहा, हत्या के कुछ घंटों बाद लाश से बदबू आने लगी तो गंगा जल छिड़का। फिर लाश के पास बैठकर भागवत का पाठ करना शुरू किया ।उसे भी पूरा नहीं कर पाया, क्योंकि लाश से बदबू आ रही थी। बदबू हटाने के लिए डिओड्रेन छिड़का। इस तरह की कई बातें सुसाइड नोट में लिखीं, जिसे पढ़कर मौके से वो तमाम चीजें पुलिस ने बरामद की हैं।
सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी,गरीबी के …
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सुसाइड नोट पढ़ने से ऐसा लगता है कि क्षितिज काफी अकेला हो चुका था। एक तरह से साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार हो चुका था। अपने हालात की वजह से डिप्रेशन में चला गया था। पुलिस को आसानी से इस वारदात की खबर भी नहीं लगती वो तो क्षितिज के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने क्षितिज को कॉल किया, क्योंकि वो क्षितिज की मां के साथ रोजाना सत्संग में जाती थीं।
पड़ोसी महिला ने क्षितिज को कॉल करके पूछा कि तुम्हारी मां कहां हैं। बदले में क्षितिज ने जवाब दिया की वो तो मर गईं और अब मैं भी मर रहा हूं, इतना कहकर उसने फोन काट दिया ‘जिसके बाद पड़ोसी महिला ने पुलिस को जानकारी दी और पुलिस मौके पर पहुंची दरवाजा तोड़ा तो मां बेटे की लाश पड़ी थी।