New Delhi news : संसद के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को एक बार फिर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं में तनातनी देखी गयी। इस दौरान राज्यसभा की सदस्य जया बच्चन और सभापति धनखड़ आमने-सामने हो गए। दोनों के बीच तकरार बढ़ गया। कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी की सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन ने कहा, ‘मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं कि मैं एक कलाकार हूं। दूसरे की बॉडी लैंग्वेज बेहतर तरीके से समझती हूं और चेहरे की अभिव्यक्ति को भी समझती हूं। सर! माफ कीजिएगा, आपका लहजा मुझे स्वीकार्य नहीं है। भले ही आप आसन पर बैठे हैं, लेकिन हम आपके साथी हैं।’ जया बच्चन के इस वक्तव्य के बाद सभापति धनखड़ ने तल्ख लहजे में कहा कि ‘जया बच्चन जी, कृपया अपने स्थान पर बैठिए। आपने अपनी एक प्रतिष्ठा बनाई है। आप भी जानती हैं कि अभिनेता, निर्देशक के अनुसार ही काम करता है। आपने वह चीजें नहीं दिखी हैं, जो मैंने यहां इस आसन पर बैठकर देखी है। आप मेरे लहजे के बारे में बात कर रही हैं? बस बहुत हुआ। आप सेलिब्रिटी होंगी लेकिन आपको यहां सदन की गरिमा का ध्यान भी रखना होगा।’
ऐसी बिगड़ी बात
मानसून सत्र के दौरान दरअसल विपक्ष के राज्यसभा सदस्य भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी की ओर से विपक्ष के नेता के बारे में की गयी टिप्पणी को हटाने की मांग कर रहे थे। इसी दौरान जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी के लहजे पर सवाल उठा दिया। इस पर सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए। वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते और उनकी अपनी स्क्रिप्ट होती है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सदन में सभापति ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष संसद छोड़ रहा है, यह उनका कर्तव्य है।