12 लाख दीपों से गंगा घाटों को रोशन करेगी सरकार, गाय के गोबर से बने एक लाख दीप बिखरेंगे रोशनी
Dev Dipawali, National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, CM Yogi Adityanath, Kashi news, Varanasi news, UP news, Uttar Pradesh news : काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर जब दीपों की माला पहने हुए मां गंगा का श्रृंगार होता है, तो अद्भुत छटा होती है। ऐसा लगता है कि आसमां से तारे जमीन पर उतर आये हैं। इस अलौकिक दृश्य को देखने बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी मेहमान यहां आते हैं। यह नजारा 27 नवम्बर (सोमवार) को दिखेगा, जब स्वयं भगवान देव दीपावली मनाने स्वर्ग से काशी के घाटों पर उतरेंगे।
70 देशों के राजदूत व 150 विदेशी डेलिगेट्स देखेंगे अलौकिक नजारा
विश्वविख्यात देवदीपावली पर साक्षी बनने के लिए 70 देशों के राजदूत काशी आयेंगे। इनके साथ ही 150 विदेशी डेलीगेट्स और परिजन भी देव दीपावली का दिव्य नजारा देखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनका स्वागत करेंगे। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सभी मेहमान देव दीपावली के अविस्मरणीय पलों के साक्षी बनेंगे। मेहमान दोपहर बाद एयरपोर्ट से नमो घाट आयेंगे। यहां से क्रूज पर सवार होकर देव दीपावली के भव्य नजारे को देखेंगे। भारतीय परम्परानुसार एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत होगा। वहीं, एयरपोर्ट समेत विभिन्न स्थानों पर लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे। स्वागत के लिए रास्तों और चौराहों को सजाया जा रहा है। विदेशी मेहमान लेजर और क्रैकर शो का भी लुत्फ उठायेंगे। क्रूज पर मेहमान बनारसी खान-पान और कुल्हड़ वाली चाय की भी चुस्की लेंगे।
12 लाख दीपों से घाटों को रोशन करेगी योगी सरकार
प्रदेश की योगी सरकार देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन करेगी। इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर के बने होंगे। साफ-सफाई करके तिरंगा स्पायरल लाइटिंग से शहर व घाट सजाये गये हैं। देव दीपावली पर 08 से 09 लाख पर्यटकों के आने का अनुमान है। सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं।
गंगा पार रेत पर भी रोशन होंगे दीपक
उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर 85 घाटों पर इस साल योगी सरकार की ओर से 12 लाख और जन सहभागिता से मिल कर कुल लगभग 21 लाख से अधिक दीप घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर जलाये जायेंगे। गंगा पार रेत पर भी दीपक रोशन होंगे। काशी के घाटों के इस अद्भुत दृश्य को देखने देश-विदेश से पर्यटक काशी आते हैं। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद हुई है। देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजड़ा, बोट व क्रूज लगभग पहले से बुक व फुल हो गये हैं। सरकार चेत सिंह घाट पर लेजर शो करायेगी। काशी के घाटों के किनारे सदियों से खड़ी ऐतिहासिक इमारतों पर धर्म की कहानी लेजर शो के माध्यम से जीवंत होती दिखेगी। पर्यटक गंगा पार रेत पर शिव के भजनों के साथ क्रैकर्स शो का भी आनन्द ले सकेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को विशाखापट्टनम के एक भक्त द्वारा 11 टन फूलों से सजाया जा रहा है। गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्त्व और कॉरिडोर के निर्माण सम्बन्धित जानकारी लेजर शो के माध्यम से दिखाई जायेगी।
सजावट और सुरक्षा के किये गये हैं पुख़्ता इंतजाम
देव दीपावली विश्व विख्यात हो चुकी है। इसे देखने विश्व भर के पर्यटक आते हैं। रंगोली, फसाड लाइट व झालरों से सजावट की गयी है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम रहेगा। ड्रोन उड़ान पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है। जिले की सीमा पर भी चौकसी बरती जायेगी। घाटों पर वाॅच टावर से निगरानी रखी जायेगी। पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बेड रिजर्व कर चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाये जायेंगे। नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गयी है। एनडीआरएफ की 08 टीमें विभिन्न घाटों पर बचाव उपकरणों, मेडिकल टीम ‘वाटर एम्बुलेंस’ के साथ विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के नि:शुल्क उपचार हेतु रहेंगी। जल पुलिस के जवान गंगा में तैनात रहेंगे। श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डायवर्जन व पार्किंग सुनिश्चित कर दिया गया है।
दशाश्वमेध घाट की महाआरती में दिखेगी राम भक्ति और राष्ट्रवाद की झलक
आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद व सामाजिकता की भी झलक देव दीपावली में दिखेगी। दशाश्वमेध घाट की आरती रामलला को समर्पित होगी। यहां रामलला व राम मंदिर की झलक मिलेगी। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा अमर जवान ज्योति की अनुकृति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भारत के अमर वीर योद्धाओं को ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ से सम्मानित भी किया जाता है। 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती करेंगी, जो नारी शक्ति का भी संदेश देंगी। घाटों पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्रों के जरिये संदेश देंगी, तो वहीं गुरुनानक देव की जयंती प्रकाश उत्सव पर उनसे चित्रों का प्रदर्शन दिखेगा।
देव दीपावली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व
दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देवताओं की दीपावली होती है। ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से काशी के पावन गंगा घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं और महाआरती में शामिल श्रद्धालुओं की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह पर्व काशी की प्राचीन संस्कृति का खास अंग है। देव दीपावली का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है कि जब कार्तिक मास में त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया और उनको मारने लगा, तब भगवान विष्णु ने इस क्रूर राक्षस का वध इसी दिन किया था और देवताओं ने दीपावली मनायी थी।