नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन और भविष्य निधि राशि मैनेज करने वाली संस्था ईपीएफओ अपने सदस्यों के लिए कई तरह की योजना चलाती है। इन योजनाओं का फायदा सिर्फ उन लोगों को ही मिल पाता है, जो ईपीएफओ के सदस्य हैं। साथ ही इन स्कीमों के लिए ईपीएफओ अपने सदस्यों से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लेता है। इस संस्था द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं में से एक योजना है इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम यानी ईडीएलआई। इस योजना के सहारे इपीएफओ सदस्यों को बीमा का फायदा मिलता है।
ईडीएलआई योजना से किस स्थिति में मिलता है लाभ
ईपीएफओ योजना अपने सदस्यों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा कवर का फायदा देती है। ईपीएफओ की ईडीएलआई योजना के तहत सबस्क्राइबर की अकाल मृत्यु हो जाने पर उसके नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक की इंश्योरेंस की रकम दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति ईपीएफओ का सदस्य है और उसने लगातार 12 महीने नौकरी की है, तो अकाल मृत्यु होने पर उसके परिवार वालों को 7 लाख रुपये के बीमा कवर का फायदा दिया जाता है।
यह बीमा कवर उन लोगों को भी मिलता है, जिन्होंने एक साल के अंदर एक से ज्यादा संस्थानों में नौकरी की है। इंश्योरेंस का क्लेम कर्मचारी के परिवार वालों की तरफ से कर्मचारी की अकाल मृत्यु होने पर किया जा सकता है। लेकिन ईडीएलआई स्कीम में क्लेम करने वाला सदस्य कर्मचारी का नॉमिनी होना चाहिए। आपको बता दें कि कोरोना के कारण मृत्यु होने पर भी इस बीमा कवर का लाभ मिलता है।
इस योजना के लिए नहीं दोना होता है पैसा
ईपीएफओ की ईडीएलआई स्कीम के तहत इंश्योरेंस का लाभ लेने के लिए आपको अलग से प्रीमियम के तौर पर कोई भी पैसा नहीं देना होता है। इस स्कीम में योगदान नियोक्ता यानी जहां आप नौकरी कर रहे हैं, उस संस्था द्वारा किया जाता है।
कैसे किया जा सकता है क्लेम
ईपीएफओ सदस्य की अकाल मृत्यु होने पर उसका नॉमिनी अथवा उत्तराधिकारी इस बीमा कवर के लिए क्लेम कर सकता है। क्लेम करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु का सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से आवेदन करने वाले अभिभावक का प्रमाण पत्र और बैंक विवरण देना जरूरी होता है।