National news, Indian Railway, metro railway, New Delhi News : हम बात मेट्रो सिटी की नहीं, बल्कि उस मेट्रो की कर रहे हैं, जो हमें देश के बड़े शहरों में एक स्थल से दूसरे स्थल तक सरपट ले जाती है। कहीं यह सड़क से ऊपर तो कहीं धरती के नीचे बनी सुरंग में दौड़ती है। खासकर दिल्ली की बात करें तो आपको बता दें ‘मेट्रो’ रात में हमें अपनी सेवाएं नहीं देती है। रात के 11 से सुबह 6 बजे तक का समय इसका अपना है। इस खास समय में अलग-अलग विभागों के सहयोग से ‘मेट्रो’ का मेंटेनेंस होता है, तब वह परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार होता है और हमें हमारी गंतव्य तक पहुंचाता है।
जब रात में चलाने की हुई बात तो डीएमआरसी ने कहा
दिल्ली में हजारों लोग रात के समय में भी विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवाएं देते हैं। ऐसे में ‘मेट्रो’ की मरम्मत के लिए रात 11 बजे के बाद होने वाले मेगा ब्लॉक पर कई लोगों ने सवाल भी खड़े किए। उस निर्धारित अवधि में पूरी तरह ‘मेट्रो’ रेल नेटवर्क के बंद रखे जाने पर ‘मेट्रो’ का संचालन करने वाली संस्था डीआरएमसी ने दो टूक कहा कि यदि हम रात को भी मेट्रो चलाएंगे तो उसका रखरखाव का काम कब पूरा कर पाएंगे?
कुछ यूं होती है मेगा ब्लॉक की तैयारी…
डीएमआरसी के निदेशक के अनुसार मेगा ब्लॉक की तैयारी पहले से ही कर ली जाती है और एडवांस में ही मैटेरियल वगैरह पहुंचा दिया जाता है, ताकि समय की बचत हो सके। कोशिश ये की जाती है कि इसके मेंटेनेंस में कोई भी चूक न होने पाए, क्योंकि ट्रायल और सुधार के लिए सिर्फ यही रात का समय होता है और इसमें ही सारे काम पूरे करने होते हैं। आपको बता दें कि लगातार ट्रैक पर ‘मेट्रो’ के दौड़ने से पटरियों में घर्षण होता है और उन्हें समय-समय पर रख-रखाव की जरूरत पड़ती है। इन ट्रैक्स को समय समय पर दाएं से बाएं और बाएं से दाएं किया जाता है और इन्हें बदला भी जाता है। पॉइंट्स ऑफ क्रॉसिंग पर इनकी मरम्मत भी की जाती है और इसीलिए इस मेगा ब्लॉक की जरूरत पड़ती है। रेलवे कर्मचारियों के पास छुट्टी के दिन भी काम होता है।