Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

DRDO KA KAMAL : डीआरडीओ ने महज 45 दिनों में ही बना दी सात मंजिला इमारत, रक्षा मंत्री ने किया उदघाटन

DRDO KA KAMAL : डीआरडीओ ने महज 45 दिनों में ही बना दी सात मंजिला इमारत, रक्षा मंत्री ने किया उदघाटन

Share this:

पिछले कुछ वर्षों से डीआरडीओ लगातार कमाल करता आ रहा है। वह देश की जरूरतों से जुड़ा हर वैसा काम करता है जो देश के लिए जरूरी हो। इस काम में तुलनात्मक रूप से वह समय और पैसे भी कम खर्च करता है। अब डीआरडीओ ने बेंगलुरु में रिकॉर्ड 45 दिनों के भीतर सात मंजिला एक इमारत का निर्माण किया है। इस भवन का उपयोग पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के स्वदेशी विकास के लिए अनुसंधान करने के लिए किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। देश में निर्माण उद्योग के इतिहास में पहली बार स्थायी सात मंजिला इमारत को 45 दिनों में पूरी तरह तैयार करने का एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है।

यह चमत्कार से कम नहीं : राजनाथ सिंह

इस परियोजना से जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, क्योंकि इस तरह की परियोजना को पूरा करने में वर्षों लग जाते थे लेकिन इसे डीआरडीओ ने केवल 45 दिनों में पूरा करने का रिकॉर्ड बनाया है। इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और निर्माण 01 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस भवन का उपयोग पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के एवियोनिक्स का विकास करने के लिए किया जाएगा। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) को ही पांचवीं पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट की डिजाइन बनाने की जिम्मेदारी दी गई। एडीए के साथ मिलकर एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (एआरडीसी) ने इस लड़ाकू विमान की डिजाइन तैयार की है।

दिल्ली से बेंगलुरु की दूरी मायने नहीं रखती

समारोह का उदघाटन करने के बाद रक्षा मंत्री ने कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी के साथ भवन का निरीक्षण किया। उन्हें भवन के अंदर ही इस भवन निर्माण परियोजना के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस समय संसद का सत्र चल रहा है, इसलिए व्यस्तता के चलते आना मुश्किल था। इसके बावजूद मैंने सोचा कि जब हमारे वैज्ञानिक, रिसर्चर्स और कर्मचारी रिकॉर्ड समय में सात मंजिला भवन का निर्माण कर सकते हैं तो मेरे लिए दिल्ली से बेंगलुरु की दूरी मायने नहीं रखती। इसलिए इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है।

वैज्ञानिकों के साथ खड़ी है मोदी सरकार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार लगातार वैज्ञानिकों को उनके शोधपरक कार्यों के लिए सहयोग दे रही है। मोदी सरकार वैज्ञानिकों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस परिसर का उपयोग उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और अन्य मानव रहित विमानों के स्वदेशी विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं के लिए किया जाएगा।

बुनियादी ढांचे में किया गया है स्टील का प्रयोग

राजनाथ ने बहुमंजिली इमारत की खासियत बताते हुए कहा कि इसके बुनियादी ढांचे को स्टील की प्लेटो के साथ बनाया गया है। स्लैब आंशिक रूप से पूर्वनिर्मित थे और संरचना में कोई जोड़ नहीं है, क्योंकि संरचना को एक साथ बनाने के लिए एक साथ कंक्रीटिंग की गई थी। डीआरडीओ के अनुसार अत्याधुनिक परिसर में मानक राष्ट्रीय भवन कोड के अनुसार विद्युत प्रणाली और अग्नि सुरक्षा के साथ-साथ वीआरएफ एयर कंडीशनिंग प्रणाली है। डीआरडीओ ने फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम कॉम्प्लेक्स का निर्माण करने के लिए इन-हाउस विकसित हाइब्रिड तकनीक का इस्तेमाल किया है।

Share this: