National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं। हम गांव के हर पहलू को प्राथमिकता देते हुए काम को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री गुरुवार को अहमदाबाद में गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के स्वर्ण जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर अन्नदाता किसानों को ऊजार्दाता बनाने के साथ ही उर्वरकदाता बनाने पर भी है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस छोटे किसान का जीवन बेहतर करने, पशुपालन का दायरा बढ़ाने, पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने, गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने पर केन्द्रित है। महात्मा गांधी के कथन को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त होना जरूरी है।
पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान बन चुका है अमूल
उन्होंने कहा, “हमने पहली बार पशुपालकों और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। किसानों को ऐसे आधुनिक बीज दिये हैं, जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सकें।” भाजपा सरकार राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसे अभियानों के माध्यम से दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने का भी काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम किसान कल्याण सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार ने देश भर में 60,000 से अधिक अमृत सरोवर बनाये हैं। इसी पहल से न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। हमारा लक्ष्य देश के छोटे किसानों तक भी आधुनिक तकनीक और उसकी जानकारी पहुंचाना है।”
प्रधानमंत्री ने गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन को स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुजरात के गांवों ने मिल कर 50 वर्ष पहले जो पौधा लगाया था, वह आज विशाल वटवृक्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं। आज अमूल भारत के पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे पशुपालकों की यह संस्था आज जिस बड़े पैमाने पर काम कर रही है, वही संगठन और सहकार की शक्ति है।
8 करोड़ लोग सीधे तौर पर डेयरी सेक्टर से जुड़े हुए हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह “सरकार” और “सहकार” का अद्भुत तालमेल है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन कर उभरा है। आज भारत में करीब 08 करोड़ लोग सीधे तौर पर डेयरी सेक्टर से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम आज दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश हैं। भारत के डेयरी सेक्टर से 08 करोड़ लोग सीधे जुड़े हुए हैं। पिछले 10 साल में ही भारत में दूध उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी करीब 40 प्रतिशत बढ़ी है। दुनिया मे डेयरी सेक्टर सिर्फ 02 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है। जबकि, भारत में डेयरी सेक्टर 06 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं को भारत के डेयरी सेक्टर की असली रीढ़ बताते हुए कहा कि आज अमूल सफलता की जिस ऊंचाई पर है, वह सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति की वजह से है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए भारत की प्रत्येक महिला की आर्थिक शक्ति बढ़नी आवश्यक है, इसलिए हमारी सरकार आज महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए भी चौतरफा काम कर रही है। मुद्रा योजना के तहत सरकार ने जो 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी है, उसकी करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी बहन-बेटियां ही हैं।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत सरकार द्वारा 30 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की गयी है। विशेष रूप से, इस योजना के तहत लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। पिछले 10 वर्षों के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं की संख्या 10 करोड़ से अधिक हो गयी है।