अवैध खनन मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने 6 मई की सुबह करीब 5 बजे देशभर में छापेमारी की है। यह कार्रवाई झारखंड की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े सत्ता के करीबी व्यक्तियों के 20 ठिकानों पर की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक साथ झारखंड के रांची, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद व गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर और दिल्ली एनसीआर में छापे मारे हैं।
रांची में यहां पड़ रहे छापे
रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के ब्लाक नंबर नौ, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल में छापेमारी की जानकारी मिली है। आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सरकारी आवास पर भी छापेमारी की सूचना है। इस पूरे प्रकरण पर प्रवर्तन निदेशालय की अधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने भी ट्वीट कर दी जानकारी
गोड्डा के सांसद डा. निशिकांत दुबे ने भी शुक्रवार की सुबह-सुबह ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में आरोप लगाया है कि पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री, उनके भाई, गुर्गों आदि को कौड़ी के भाव में खान आवंटित किया। आखिर, उनके यहां ईडी का छापा पड़ ही गया जो देश में 20 ठिकानों पर चल रहा है। यह छापेमारी रांची, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई में चल रही है।
सभी मामलों की हो रही जांच
पूजा सिंघल के सभी मामलों की हो रही जांच
ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपए के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थीं।
इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं।