करोड़पति बनने की चाह में एक इंजीनियर नटवरलाल बनकर सामने आया है। मध्य प्रदेश के मेडिकल कालेज दतिया में 32 पदों पर फर्जी नियुक्ति देकर उसने पांच साल में पांच करोड़ रुपए अर्जित किए। वह एक नियुक्ति के दिलाने के लिए तीन से पांच लाख रुपए लेता था। इंजीनियर शुरुआत में कैटरिंग का व्यवसाय करता था। इसी दौरान फर्जी और हेराफेरी वाला काम भी करना शुरू कर दिया। लगातार हो रही अवैध कमाई के कारण वह बहुत जल्द ही आठ कंपनियों का मालिक बन गया। उसने इन पांच साल में केटरिंग से लेकर हॉस्टल, होटल, एजुकेशन, कंस्ट्रक्शन, इंटरप्राइजेज और साप्ताहिक पत्रिका तक का सफलतापूर्वक संचालन किया। इतना ही नहीं इसी रकम से उसने आलीशान बंगला बना लिया। इतना सब कुछ होने के बाद आखिरकार उसकी पोल खुल ही गई। अब वह इंजीनियर क्राइम ब्रांच भोपाल की गिरफ्त में है। पुलिस पूछताछ में उस जालसाज ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। इस मामले में एडिशनल डीसीपी क्राइम शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गत 20 मई को एक युवक ने इंजीनियर की जालसाजी के संबंध में शिकायत की थी। तब से पुलिस आरोपी आशु कुमार पांडे (28) पर नजर रखे हुए थी।
400 लोगों से लेन-देन के कागजात बरामद
कोटरा सुल्तानाबाद कमला नगर में लड़कों का हॉस्टल चलाने वाला आशु मूलत: बिहार का रहने वाला है। उसने दतिया मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति दिलाने का फर्जीवाड़ा कर महज पांच साल में ही पांच करोड़ रुपए लोगों से ठग लिए। अब तक 200 लोगों से रुपए लेने का खुलासा हुआ है, जबकि करीब 400 लोगों के लेनदेन के भी दस्तावेज मिले हैं। पुलिस ने उसके पास से दतिया मेडिकल कालेज के डीन की सील और करीब 50 फर्जी नियुक्ति आदेश बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी आशु के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। खुद को कंप्यूटर साइंस विषय से इंजीनियर बताने वाला आरोपी आशु बेहद शातिर है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नौकरी नहीं लगने के बाद वह कैटरिंग का काम करने लगा। उसने इस कारोबार से करीब पाँच साल में आठ कंपनियां खड़ी कर दी थी। वह हॉस्टल, होटल, शिक्षा, कंस्ट्रक्शन, इंटरप्राइजेस और साप्ताहिक पत्रिका का संचालन कर रहा था।
ग्वालियर और चंबल के लड़कों से खूब की ठगी
जल्द ही करोड़पति बनने की चाहत में वह तीन साल से मेडिकल कालेज में नौकरी लगवाने का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र देना शुरू कर दिया। यह कंप्यूटर से फर्जी तरीके से लेटर हैड तैयार कर लोगों से तीन लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक वसूलने लगा। बताया गया है कि वह जल्द ही एक अखबार भी लान्च करने वाला था। क्राइम ब्रांच ने जब आशु के घर पर छापा मारा तो उन्हें शासकीय कार्यालयों की तरह यहां स्थापना शाखा बनी मिली। यहां पुलिस को दतिया मेडिकल कालेज के लेटर हेड पर विभिन्न पदों की नियुक्ति प्रमाण पत्र, फर्जी आई कार्ड जिनमें अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया मध्यप्रदेश की सील लगे मिले। दो रजिस्टर व एक कम्प्यूटर से निकले प्रिंट की सूची, दो डेस्कटॉप कम्प्यूटर मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपी ने बताया कि वर्ष 2018-19 में दतिया मेडिकल कालेज में विभिन्न पदों पर लोअर ग्रेड क्लर्क, ड्रायवर पद, लाइब्रेरियन, सफाई कर्मी, लैब अटेंडेंट समेत कई पद निकले थे। तब वहां उसका रिश्तेदार कैंटीन चलाता था। इसलिए उसका वहां आना-जाना हुआ था। यहां से उसे आइडिया आया कि फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लोगों से ठगी की जा सकती है। उसके निशाने पर ग्वालियर और चंबल के बेरोजगार युवक थे। उसने 90 फीसदी यहां से ठगी की है। आरोपी के बिजनेस इस प्रकार से थे – सिंह केटरर्स, पांडे स्वागत हास्टल, होटल सिंह विला, सिंह एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी, सिंह कंस्ट्रक्शन, अनमोल राग (हिन्दी मासिक) और सिंह इंटरप्राइजेज शामिल हैं।