Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत से सम्बंधित आंकड़ों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों को चुनावों के बीच भ्रम पैदा करनेवाला बताया है। आयोग ने विस्तार से आरोपों का खंडन करते हुए खड़गे को सलाह दी है कि वह इस तरह के बयान देने से बचें।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस सप्ताह की शुरुआत में आईएनडीआईए सहयोगियों को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि क्या चुनाव आयोग का वास्तविक मतदान आंकड़ा प्रकाशित करने से इनकार करना, मतदान प्रतिशत आंकड़े जारी करने में देरी करना और अगले चरणों के लिए अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन न करना लोकसभा चुनाव परिणामों से छेड़छाड़ का प्रयास है।
आयोग ने कहा है कि फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों की संख्या में किसी भी तरह हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है। इसकी हस्ताक्षरित प्रति मतदान समाप्ति पर सभी चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों को उपलब्ध करायी जाती है। मतगणना के दिन ईवीएम में डाले गये कुल मतों का मिलान उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में फॉर्म 17सी से किया जाता है।
आयोग ने कहा कि मतदाता मतदान आंकड़ा देर से जारी किये जाने का आरोप तथ्यों से परे है। हमेशा से मतदान की जानकारी ऐप पर उपलब्ध रहती है। आयोग ने किसी भी तरीके से मतदाता मतदान आंकड़ा प्रदर्शित करने के डिजाइन या आवधिकता को नहीं बदला है। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि मतदाताओं और मतदान केन्द्रवार आंकड़े मतदान के दिन ही मतदान समाप्ति के समय उम्मीदवार के एजेंट को दिया जाता है। आयोग ने कहा है कि इस सम्बन्ध में अधिक स्पष्टता के लिए उनसे सम्पर्क साधा जा सकता है।
पत्र को लेकर कांग्रेस ने कहा, चुनाव आयोग का दृष्टिकोण बेहद अफसोसजनक
कांग्रेस ने मतदान आंकड़ों को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आपत्ति पर चुनाव आयोग के जवाब पर सवाल उठाये हैं। पत्र की सामग्री और मंशा दोनों पर सवाल उठाते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि यह सुकुमार सेन, टीएन शेषन, जेएम लिंगदोह और अन्य दिग्गजों से जुड़े संस्थान की प्रतिष्ठा पर एक स्थायी धब्बा है।
चुनाव आयोग ने आज मतदान प्रतिशत से सम्बन्धित आंकड़ों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों कों चुनावों के बीच भ्रम पैदा करने वाला बताया है। आयोग ने विस्तार से आरोपों का खंडन करते हुए खड़गे को सलाह दी है कि वह इस तरह के बयान देने से बचें।
रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने बिल्कुल जायज मुद्दे उठाये थे। इन मुद्दों पर व्यापक चिंता और टिप्पणियां हुई हैं। इन मुद्दों के समाधान के लिए चुनाव आयोग का दृष्टिकोण बेहद अफसोसजनक है।
कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने कहा कि चुनाव आयोग को याद रखना चाहिए कि वह आलोचना से परे नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में वैध मुद्दे उठाये थे। आयोग उनका खंडन कर सकता है, लेकिन पत्र पर आपत्ति क्यों की गयी।
उन्होंने कहा कि आरबीआई, कैग, वित्त आयोग और अन्य निकायों की आलोचना हो सकती है, तो चुनाव आयोग की क्यों नहीं। उन्होंने टीएन शेषन के दिनों से ही चुनाव आयोग को करीब से देखा है और यहां तक कि टीएन शेषन की भी आलोचना की गयी।