जिस महिला को एसिड और तेल में फर्क नहीं पता, आखिर उसे एक सरकारी अस्पताल में ANM कैसे बनाया जा सकता है। उसकी तो विशेष ट्रेनिंग होती है। अगर यह लापरवाही है तो अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल उठता है। ऐसा ही एक मामला जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आया है। केंद्र में 01 जून को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक एएनएम ने जच्चा और बच्चा दोनों को तेल की जगह एसिड लगा दिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक पासवान के समझाने बुझाने पर आक्रोशित लोग शांत हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमालपुर के दरियापुर निवासी सुभाषिणी देवी 23 मई को प्रसव कराने अस्पताल में भर्ती हुई थीं। वहां तैनात एएनएम विद्या कुमारी ने प्रसव कराने के बाद जच्चा और बच्चा को सरसों तेल लगाने के बजाय एसिड लगा दिया।
इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही बुरी तरह झुलस गए।
शोर होने पर एएनएम ने दिखाई चलाकी
जच्चा और बच्चा की हालत देख जब परिजनों ने शोर शराबा किया तो एएनएम विद्या ने बड़ी ही चालाकी से मरीज को यह कहकर सदर अस्पताल रेफर कर दिया कि बच्चा दूध नहीं पी पा रहा है। उसे आईसीयू में भर्ती कर चिकित्सकीय देखभाल की जरूरत है।
मामला संज्ञान में आने के बाद बवाल
बुधवार को मामला संज्ञान में आने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पीएचसी पहुंच बवाल काटा। विभाग प्रमुख शंकर कुमार सिंह की अगुवाई में छात्र नेता सुभाष मंडल, सुमन बिंद, राज रंजन आदि ने पीएचसी प्रभारी अशोक पासवान से लापरवाह एएनएम के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और पीड़ित मरीज को मुआवजा देने की मांग की। शंकर कुमार सिंह ने कहा कि एएनएम ने एक तो कार्य में घोर लापरवाही बरती और उसके बाद मामले को दबाने का प्रयास किया। ऐसी लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मांगा गया है स्पष्टीकरण
इस संबंध में स्वास्थ्य प्रबंधक वंदना राज ने बताया कि मामला बुधवार को ही संज्ञान में आया है। मामले में एएनएम विद्या और संतोषी देवी सहित चार कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले की जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।