अपनी गति बढ़ा कर जीत प्राप्त करने का है यह समय, हमारी दशा बदली है, लेकिन दिशा नहीं, हमें विनम्रता और शील नहीं छोड़ना चाहिए
Favorable environment in the country, but the goal is still far away: Mohan Bhagwat, Patna news, Bihar news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि अनुकूल परिस्थितियों में विश्राम करनेवाला हार जाता है, जबकि अपनी गति बढ़ा कर कार्य करनेवाले को विजयश्री मिलती है। उन्होंने कहा कि खरगोश और कछुआ की कहानी का सारांश यही है। आज देश में अनुकूल माहौल है। हमारा लक्ष्य अभी दूर है। यह समय अपनी गति बढ़ा कर जीत प्राप्त करने का है।
पटना के राजेन्द्र नगर स्थित शाखा मैदान में प्रात: काल आयोजित गणवेशधारी स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक गमले के पुष्प नहीं, बल्कि वन के फूल हैं, जो अपने पोषण की व्यवस्था स्वयं करता है। हम लोगों को समाज ने सम्मान दिया है। स्वयंसेवकों को नहीं भूलना चाहिए कि हमारी दशा बदली है, लेकिन दिशा नहीं। हमें विनम्रता और शील नहीं छोड़ना चाहिए। हम लोग बलशाली हो सकते हैं, लेकिन उन्मुक्त नहीं।
स्वयंसेवक अपने लिए चार काम सुनिश्चित करें
भागवत ने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे अपने लिए चार काम सुनिश्चित करें। पहला कार्य शाखा की नित्य साधना। दूसरा कार्य शाखा से प्राप्त शिक्षा के आधार पर आचरण रखना। तीसरा कार्य जैसा समाज चाहिए, उस अनुरूप अनुशासन के साथ प्रामाणिकता से आचरण और चौथा कार्य भोग नहीं, बल्कि त्याग का सिद्धांत व्यवहार में उतरना।
शताब्दी वर्ष का उल्लेख करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि शताब्दी वर्ष के अवसर पर पांच करणीय कार्य निश्चित किये गये हैं। पहला कार्य सामाजिक समरसता, दूसरा कार्य कुटुम्ब प्रबोधन, तीसरा स्वदेशी, चौथा पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और पांचवां कार्य नागरिक कर्तव्य बोध का जागरण है। कार्यक्रम में मंच पर दक्षिण बिहार प्रांत के संघचालक राजकुमार सिन्हा और महानगर के संघचालक डॉ. राजीव कुमार सिंह भी उपस्थित थे।