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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में रोजगार पर फोकस, हर साल 78.5 लाख रोजगार…

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New Delhi news : 10 सालों तक मोदी के नेतृत्व में एक स्वतंत्र सरकार चली, मगर तीसरे कार्यकाल में वह सहयोगियों पर निर्भर हैं। इसलिए अब मोदी सरकार से ज्यादा एनडीए सरकार की बात होती है। इस तीसरे कार्यकाल में देश में बढ़ते कार्यबल को देखते हुए गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत बताई गई है। 

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2023-24 का आर्थिक सर्वे 

संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यनौकरियों की संख्या का एक व्यापक अनुमान दिया गया गया है। बढ़ते कार्यबल के लिए इन नौकरियों को देश में सृजित करने की जरूरत है। इसमें कहा गया कि कामकाजी उम्र में हर कोई नौकरी की तलाश नहीं करेगा। उनमें से कुछ खुद का रोजगार करेंगे और कुछ नियोक्ता भी होंगे। आर्थिक वृद्धि नौकरियों से ज्यादा आजीविका पैदा करने के बारे में है। इसके लिए सभी स्तर पर सरकारों और निजी क्षेत्र को मिलकर प्रयास करना होगा।

भूमि पर कानूनों में सुधार 

बढ़ते कार्यबल को संगठित रूप देने, उन क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सुविधा प्रदान करने, जो कृषि से स्थानांतरित होने वाले श्रमिकों को अपना सकते हैं और नियमित वेतन/वेतन रोजगार वाले लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करने की चुनौतियां भी मौजूद हैं। समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकारें अनुपालन बोझ को कम करके और भूमि पर कानूनों में सुधार करके रोजगार सृजन में तेजी ला सकती हैं।

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