Fodder scam (चारा घोटाले) में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद को 8 अप्रैल को भी झारखंड हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिली, क्योंकि उनकी याचिका पर सुनवाई टल गई। अब अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने CBI को काउंटर एफिडेविट फाइल करने का आखिरी मौका दिया है। सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध किया। गौरतलब है कि रांची के डोरंडा ट्रेजरी केस में लालू को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। लालू ने जमानत के लिए हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी।
सीबीआई ने मांगा समय
8 April को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया। इस आग्रह को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने स्वीकार करते हुए सीबीआई को 22 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद ने सीबीआई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर करते हुए जमानत देने का आग्रह किया है। 21 मार्च को सीबीआई कोर्ट ने लालू को इस मामले में पांच साल की सजा और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
सीबीआई ने जमानत का किया विरोध
कोर्ट में लालू की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा की अवधि जेल में काट ली है। ऐेसे में कोर्ट को उन्हें जमानत देनी चाहिए। सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध किया। सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि वह लालू के दावे पर जवाब दाखिल करेगी। इसके लिए समय देने का अनुरोध किया। कोर्ट ने सीबीआई के अनुरोध को मान लिया और 22 अप्रैल तक के लिए जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी। बता दें कि लालू ने आधी सजा काटने और अपनी बीमारी का हवाला देते हुए जमानत देने का आग्रह किया है।