Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Nepal samachar, Nepal news : किसी भी मामले में बड़बोला अच्छा नहीं होता है। नेपाल के साथ ऐसा ही हुआ। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आर्थिक सलाहकार ने तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल करने वाले मानचित्र के साथ सौ रुपये के नए नोट जारी करने के सरकार के फैसले पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी के बाद रिजाइन करना पड़ गया। इस कदम को भारत पहले ही खारिज कर चुका है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने रविवार को चिरंजीवी नेपाल के इस्तीफे को मंजूरी दे दी।
सफाई में कहीं यह बात
चिरंजीवी नेपाल ने कहा कि मैंने एक अर्थशास्त्री और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर के रूप में टिप्पणी की थी, लेकिन कुछ समाचार मीडिया ने राष्ट्रपति की सम्मानजनक संस्था को अनावश्यक रूप से विवाद में खींचने की कोशिश में इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया, जिससे मुझे दुख हुआ। नए नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा जैसे इलाके शामिल हैं। भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बयान में मेरा इरादा सिर्फ एक जागरूक नागरिक के रूप में लोगों को जागरूक करना था कि इस तरह के कृत्य देश और लोगों के लिए ऐसे समय में व्यावहारिक समस्याएं पैदा कर सकते हैं जब राजनयिक स्तर पर (मानचित्र पर) चर्चा चल रही है। पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में 100 रुपये के नए नोट छापते समय पुराने नक्शे के स्थान पर नए नोट छापने का फैसला किया गया। बता दें कि सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली ने चिरंजीवी नेपाल की उनकी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।