National News Update , New Delhi, Supreme Court, Central Government, Jammu Kashmir Full State Status, Time Line : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह पूछा कि क्या जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समयसीमा है? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा के बारे में केंद्र सरकार से निर्देश लेने को कहा, जिसे 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह परसों इस पर सकारात्मक बयान देंगे।
उच्चतम स्तर पर निर्देश…
इससे पहले CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती राज्य “स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश” नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मौखिक रूप से कहा, “हम समझते हैं कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले हैं। हम समझते हैं कि अंततः राष्ट्र का संरक्षण ही एक सर्वोपरि चिंता का विषय है। लेकिन आपको किसी बंधन में डाले बिना, आप (एसजी) और अटॉर्नी जनरल दोनों उच्चतम स्तर पर निर्देश मांग सकते हैं- क्या कोई समय सीमा ध्यान में रखी गई है?”
लोकतंत्र की बहाली बहुत महत्वपूर्ण
इससे पहले सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र की बहाली बहुत महत्वपूर्ण है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि क्या हमें संसद को राष्ट्र के संरक्षण के हित में, एक निश्चित अवधि के लिए, एक निश्चित निर्धारित अवधि के लिए, यह अनुमति नहीं देनी चाहिए कि इस विशेष राज्य को यूटी के दायरे में जाना चाहिए- इस स्पष्ट समझ के साथ कि एक निश्चित समय के बाद यह राज्य की स्थिति में वापस आ जाएगा।”