– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

देश के मिसाइल जखीरे में और इजाफा, सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण

d96ce04d 90a3 4843 a363 8eb1ae70fdbc

Share this:

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news  : भारत ने बुधवार को पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-कक का ओड़िशा के तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू सुखोई-30 एमकेआई विमान से एयर-टू-सरफेस मिसाइल दागकर लक्ष्य को कामयाबी के साथ नष्ट किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि इस सफल परीक्षण ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए रुद्रम-कक प्रणाली की भूमिका को मजबूत किया है।

स्वदेशी मिसाइलों के ताबड़तोड़ सफल परीक्षणों के क्रम में रुद्रम-कक प्रणाली की मारक क्षमता 200 किमी. दूर तक और इसकी लॉन्च गति मैक 0.6 यानी ध्वनि की गति से दोगुनी है। भारत में बनायी गयी ये ऐसी पहली मिसाइल है, जो किसी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। यह मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ कर अपने रडार में लाकर नष्ट कर सकती है। डीआरडीओ ने देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ को भारतीय वायु सेना के लिए विकसित किया है। मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम है।

इस मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में लगाया गया है, जिसमें प्रक्षेपण स्थितियों के आधार पर अलग-अलग रेंज की क्षमता है। इसमें अंतिम हमले के लिए पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है। रुद्रम ने आज परीक्षण के दौरान पिनपाइंट सटीकता के साथ विकिरण लक्ष्य को मारा। इसमें लगा पैसिव होमिंग हेड एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य का पता लगाने, वगीर्कृत करने और लक्ष्य को इंगेज करने (उलझाने) में सक्षम है। ट्रायल पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें स्वदेशी विमान तेजस में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

डीआरडीओ के अनुसार इसे मुख्य रूप से दुश्मन की हवाई सुरक्षा को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसलिए इसका इस्तेमाल दुश्मन के निगरानी रडार, ट्रैकिंग और संचार प्रणालियों को नष्ट करने के लिए ऊंचाई से लॉन्च करके किया जा सकता है। भारत में विकसित की गयी अत्याधुनिक उच्च गति की यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में पहली तरह की है। मिसाइल का निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड संयुक्त रूप से करेंगे।

Share this:




Related Updates


Latest Updates