झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे। राज्यसभा सीट को लेकर झारखंड में झामुमो और कांग्रेश के बीच जिच चल रही थी। लेकिन राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस और झामुमो में करीब-करीब सहमति बन गई है। कांग्रेस ने अपने सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद को झारखंड से राज्यसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है। इस बीच अब तक का जो समीकरण बन रहा है, उसके हिसाब से चुनावी मैदान में दो प्रत्याशी के होने की प्रबल संभावना है। अंदरखाने से जो बातें सामने आ रही है, उससे यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद झारखंड से महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद से ही लगभग यह साफ हो रहा था कि इस बार कांग्रेस अपनी बात मनवा कर रहेगी।
घंटेभर हेमंत और सोनिया गांधी के बीच हुई बातचीत
राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर हेमंत सोरेन और सोनिया गांधी के बीच लगभग एक घंटे तक दिल्ली में बातें हुई। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस खेमा उत्साहित दिख रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कहा था कि महागठबंधन से एक ही उम्मीदवार होगा। जाहिर है इसके बाद से ही झामुमो खेमे की चुप्पी और कांग्रेस खेमे में व्याप्त उत्साह साफ संकेत दे रहा है कि कांग्रेस अपने राज्यसभा मिशन में सफल दिख रही है। हालांकि कांग्रेस से कई नेताओं के नामों की चर्चा भी लगातार हो रही थीं। इसमें गुलाम नबी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी अजय माकन, राजीव शुक्ला व डॉ अजय कुमार शामिल थे।
केंद्र में विपक्ष के नेता रह चुके हैं गुलाम नबी
मालूम हो कि राज्यसभा में गुलाम नबी विपक्ष के नेता रह चुके हैं। उनकी विदाई के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुलाम नबी की तारीफ में खूब कसीदे गढ़े थे। यह भी दिगर है कि कांग्रेस पार्टी में गुलाम नबी को शुमार एक कद्दावर अल्पसंख्यक नेता के तौर पर है।