Now Light Combat Aircraft ‘Tejas’ will also be equipped with indigenous Astra MK-1 missile, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने रविवार को हैदराबाद में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) मुख्यालय से स्वदेशी रूप से विकसित हवा से हवा में मार करनेवाली एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल के पहले बैच को हरी झंडी दिखलायी। सुखोई-30 एमकेआई विमान पहले ही इन मिसाइलों से लैस हैं, लेकिन अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस’ में भी एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल लगायी जायेंगी। बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल 110 किलोमीटर तक अपने दुश्मन को निशाना बना सकती है।
चीन सीमा पर तनाव के बीच स्वदेशी एस्ट्रा एमके-1 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर 50 मिसाइलों की पहली खेप अक्टूबर 2020 में वायु सेना को मिली थी। करीब 100 किलोमीटर की लम्बी दूरी तक हमले करने में सक्षम इस मिसाइल को सुखोई-30 में लैस किया गया था। लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद वायुसेना और नौसेना के लिए 248 मिसाइल खरीदने का आर्डर किया गया था।
मिसाइल के पहले बैच को दिखाई हरी झंडी
दोनों सेनाएं पहले से एस्ट्रा मिसाइल का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब एस्ट्रा एमके-1 मिसाइलों को वायुसेना के मिग-29, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस’ और नौसेना के मिग-29ए विमानों के साथ लैस किये जाने की योजना है। इसीलिए पिछले साल 23 अगस्त को पहली बार ‘मेड इन इंडिया’ जेट के साथ ‘मेड इन इंडिया’ मिसाइल दाग कर परीक्षण किया गया था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने 200 से अधिक मिसाइल खरीदने और बीडीएल को उत्पादन करने को मंजूरी दी थी।
110 किलोमीटर तक दुश्मन को करेगी ढेर
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मुताबिक एस्ट्रा मिसाइल 3.6 मीटर (12 फीट) लम्बी है, जिसका व्यास 178 मिमी (7.0 इंच) है और इसका वजन 154 किलोग्राम (340 पाउंड) है। एस्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेशर्स से लैस है, इसलिए दुश्मन के प्रयासों को नाकाम करके अपने आपरेशन को अंजाम देती है। एस्ट्रा मिसाइल 4.5 मैक की गति तक पहुंचा सकती है और अधिकतम 20 किमी. (66 हजार फीट) की ऊंचाई से संचालित हो सकती है। एस्ट्रा मिसाइल की अधिकतम सीमा हेड-आॅन चेस मोड में 110 किमी. (68 मील) और टेल चेस मोड में 20 किमी. (12 मील) है। वायुसेना ने पहले ही इन मिसाइलों के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ 02 अनुबंध कर रखे हैं। आनेवाले वर्षों में एस्ट्रा एमके-1 और एमके-02 एयर टू एयर क्षेत्र में भारतीय वायुसेना का मुख्य हथियार होंगे।