कोलकाता और हावड़ा के लोग जिस परियोजना के धरातल पर उतरने का वर्षों से इंतजार कर रहे थे, वह अब पूरी होने वाली है। देश की पहली अंडर वाटर मेट्रो रेल परियोजना करीब-करीब पूरी हो चुकी है। इसका ट्रायल दुर्गा पूजा के पहले हो जाएगा। अलग-अलग समय में अलग-अलग रूट के लिए अंडर वाटर मेट्रो रेल का ट्रायल होगा। पहले दौर में सियालदह से हावड़ा मैदान के बीच अंडर वाटर मेट्रो ट्रेन का ट्रायल होगा। आपको बता दें कि यह परियोजना इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह परियोजना साल्टलेक सेक्टर- 5 से हावड़ा मैदान तक की यात्रा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। इस अंडर वाटर मेट्रो रेल से 520 मीटर का सफर हुगली नदी के नीचे होगा, जो महज चंद सेकेंड में ही पूरा हो जाएगा।
अलग-अलग रूट पर चरणबद्ध होगा ट्रायल
केएमआरसीएल से मिली जानकारी के मुताबिक यह ट्रायल चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। कहने का मतलब अलग-अलग रूट पर अलग-अलग ट्रायल होगा। सबसे पहले हुगली नदी के नीचे इस मेट्रो रेल का ट्रायल होगा। क्योंकि यहां का कार्य पूरा हो चुका है। रन पार्टवाइज किये जायेंगे। पहले होगा गंगा के नीचे का ट्रायल रन क्योंकि इस हिस्से का काम पूरा हो गया है।
सुरक्षा के किए गए हैं व्यापक इंतजाम
अंडर वाटर मेट्रो को पानी से बचाने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पानी के नीचे 4 उच्च स्तरीय सुरक्षा कवच बनाए गए हैं। हावड़ा मैदान और इसके बाद हावड़ा मेट्रो स्टेशन से जमीन से लगभग 33 मीटर नीचे बने टनल से मेट्रो ट्रेन सफर तय करेगी। नदी के नीचे से होकर जाने वाली मेट्रो को यह सुरंग पार करने में कुल करीब 60 सेकंड लगेगा। करीब 17 किलोमीटर लंबे ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए नदी के नीचे बना यह टनल बहुत महत्वपूर्ण है। अंडर वाटर मेट्रो रेल के इस दोहरे टनल को हावड़ा मेट्रो स्टेशन पर करीब 33 मीटर नीचे बनाया गया है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से टनल के भीतर और बाहर यात्रियों की आपतकालीन निकासी के लिए अलग रास्ते तैयार किए गए हैं। इसके अलावा यहां वेंटिलेशन और अग्नि सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।