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सरकारों को हर धर्म की रक्षा करनी चाहिए : फारुख अब्दुल्ला 

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असम विधानसभा में नमाज के लिए ब्रेक नहीं देने का मामला

New Delhi news: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि भारत की पहचान विविधता में एकता वाली है। ऐसे में सरकारों को हर धर्म की रक्षा करनी चाहिए। फारुख ने यह बयान असम विधानसभा में शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों को दिये जानेवाले दो घंटे के नमाज के लिए अवकाश को खत्म करने की घोषणा के बाद दिया है। 

एनसी नेता फारूक अबदुल्ला ने चूंकि यह बयान हिमंत बिस्वा सरमा के बयान के बाद दिया है, अत: इस पर प्रतिक्रिया तो होना लाजिमी है। दरअसल, असम के सीएम सरमा ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य विधानसभा मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने की सुविधा देने के लिए शुक्रवार को दिए जानेवाले दो घंटे के ब्रेक को खत्म कर देगी। यह नियम अगले सत्र से लागू किया जाना है। इस पर एनसी प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि हिन्दुस्तान विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। हमारे यहां विभिन्न धर्मों के साथ तरह-तरह की भाषाएं हैं, चाहे वह तमिलनाडु हो, कश्मीर हो, बंगाल हो या महाराष्ट्र, कोई भी राज्य, हर राज्य की अपनी एक अलग संस्कृति है। इसलिए भारत एक संघीय ढांचा है और ऐसे में हमें प्रत्येक धर्म व भाषा की रक्षा करनी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समय आने पर यह भी बदल जायेगा। समझ लेना चाहिए कि यहां कुछ भी स्थाई नहीं है और हमारी सरकार आने दीजिए, बहुत जल्द अच्छी चीजें फिर से प्रबल होंगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी हर धर्म के लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा भी करनी चाहिए। सभी को एक-दूसरे के धर्म का ख्याल रखना होगा। जब हमारा दृष्टिकोण अच्छा होगा, तो सम्पूर्ण देश का माहौल भी अच्छा होगा।

महबूबा के बयान पर क्या बोले अब्दुल्ला…

महबूबा मुफ्ती द्वारा जमात-ए-इस्लामी के उमर के बयान को अफसोसनाक बताये जाने पर नेकां प्रमुख अब्दुल्ला ने कहा, कि एक-दूसरे पर उंगली उठाने से कुछ भी हासिल नहीं होनेवाला है। दरअसल, उमर ने हाल ही में कहा था कि जमात-ए-इस्लामी पहले कभी चुनावों को ‘हराम’ करार देता था, लेकिन अब यह उसके लिए ‘हलाल’ हो गया है। इस पर अब्दुल्ला ने कहा, उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा।

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