Indian daughters are great. हिंदुस्तान की बेटियां महान हैं। टैलेंट की व्यापकता, सोच की प्रगाढ़ता तथा पर्सनालिटी की पहाड़ता ही हमारी बेटियों को महान बनाती हैं। देश की सुप्रसिद्ध बेटियों में बिहार की रिटायर्ड IPS अधिकारी मंजरी जरुहार का नाम शुमार है।
1976 बैच की IPS
बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी ने ‘मैडम सर’ नाम से अपनी ऑटोबायोग्राफी यानी आत्मकथा (Autobiography) लिखी है। बता दें कि 1976 बैच की आईपीएस अफसर मंजरी उन 5 महिलाओं में एक हैं, जिन्होंने खाकी वर्दी चुनी थी। उन्होंने बिहार झारखंड नेशनल पुलिस अकादमी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ में विभिन्न पदों पर बखूबी जिम्मेदारी निभाई।
संघर्ष करने वाली बेटियों के लिए प्रेरणा
मंजरी का कहना है कि लोग अक्सर मुझसे अपने जीवन का सफरनामा लिखने को कहा करते थे। उम्मीद है कि मेरी कहानी उन नौजवान बच्चियों को प्रेरित करेगी, उन्हें हिम्मत देगी, जो झंझावातों से लड़ती हुई,
अपने दिल की आवाज सुनती हुई जिंदगी में आगे बढ़ती हैं।
अभी TCS में हैं सलाहकार
आत्मकथात्मक पुस्तक ‘मैडम सर’ में भागलपुर अंखफोड़वा कांड, 1984 के सिख दंगे समेत उस कालखंड की कई अंदरूनी दास्तानों का जिक्र है, जो अब तक सामने नहीं आई थीं। इन घटनाओं को एक महिला के नजरिए से उन्होंने देखा है और उसे हुबहू (Exact) उतारने की कोशिश की है। मंजरी इन दिनों दिल्ली में रहती हैं। CISF के स्पेशल डायरेक्टर जनरल के पद से सेवानिवृत्ति के बाद मंजरी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज में बतौर सलाहकार की भूमिका निभा रही हैं।