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Guwahati: कुप्रथाओं के खिलाफ लड़नेवालीं पद्मश्री बिरुबाला राभा का निधन

Guwahati: कुप्रथाओं के खिलाफ लड़नेवालीं पद्मश्री बिरुबाला राभा का निधन

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Assam news, guwahati news, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : जीवनभर टोना टोटका व डायन हत्या जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने वाली पद्मश्री बिरुबाला राभा का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने सोमवार की सुबह 9.23 बजे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित थीं। राभा के निधन पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शोक व्यक्त किया और राभा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।

ग्वालपाड़ा में असम-मेघालय सीमा पर ठाकुरविला नामक गांव के एक किसान परिवार में 1954 में जन्मीं बिरुबाला राभा पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था। वह बचपन से ही विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहीं। वर्ष 2000 से उन्होंने समाज में प्रचलित जादू-टोना के खिलाफ काम किया। पिछले दो दशकों से वह ग्वालपाड़ा जिले में फैले अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए अथक संघर्ष किया। उन्होंने गांवों में जाकर अंधविश्वासों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। राभा ने असम में जादू-टोने के संदेह में प्रताड़ित कई लोगों की मदद की थी।

बिरुबाला राभा को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों से भी सम्मानित किया गया। वर्ष 2021 में उन्हें समाज सेवा के लिए केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके अलावा राभा को वर्ष 2011 में सर्वेश्वर दत्त सोवर्णी पुरस्कार, वर्ष 2008 में मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट ने सम्मानित किया गया था। नगांव के आनंदराम ढेकियाल फुकन कॉलेज ने उन्हें वर्ष 2019 में ‘आनंदराम ढेकियाल फुकन पुरस्कार’ और वर्ष 2015 में उपेंद्रनाथ ब्रह्म सोल्जर आफ ह्यूमैनिटी अवार्ड मिला था।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने बिरुबाला राभा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। 

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