ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान वजूखाने में नंदी के ठीक सामने मिले शिवलिंग की पूजा-अर्चना की मांग को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। डॉ. तिवारी ने बताया कि सोमवार को वाद दाखिल कर दिया जाएगा।
भोले बाबा सबके, शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए पूजा
डॉ. तिवारी ने पत्रकारों से कहा कि भोले बाबा सबके हैं। हर कोई बाबा की पूजा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन पूजा-अर्चना के साथ ही साथ राग भोग और शृंगार की व्यवस्था भी शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए। इसके लिए महंत परिवार को यह दायित्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वेश्वर दरबार में पूजापाठ का दायित्व उनके पूर्वज ही निभाते रहे हैं। साढ़े तीन सौ वर्षों के बाद जब पुन: शिवलिंग सामने आया है तो उनकी नित्य पूजा-अर्चना भी आरंभ हो जानी चहिए।
वकालतनामा तैयार कर रही वकीलों की टीम
पूर्व महंत डॉ. तिवारी ने बताया कि अधिवक्ताओं की टीम ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर वकालतनामा तैयार कर रही है। मस्जिद के तहखाने में कई और शिवलिंग विराजमान हैं। काशी के कण-कण में शंकर बसे हैं। यह भगवान शंकर का आनंद कानन है। ऐसे में यह कहना कि शिवलिंग मिले हैं गलत है, क्योंकि वो वहां पहले से ही विराजमान हैं। इसकी गवाही स्वयं नंदी बाबा वर्षों से दे रहे हैं।