उत्तराखंड के उधमपुर जिला अंतर्गत रुद्रपुर में एक चौंकाने वाली घटना हुई है। यहां एक दोस्त ने दोस्त की हत्या कर दी है। इस हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। मिली जानकारी के अनुसार दो युवकों में गाढ़ी दोस्ती थी। लेकिन एक दोस्त दूसरे दोस्त की मां पर बुरी नजर रखता था। वह बार-बार दोस्त से उसकी मां की चर्चा करता था। लेकिन यह बात दूसरे दोस्त को पसंद नहीं आती थी। दोस्त की इस प्रवृत्ति से अंदर ही अंदर दूसरा दोस्त आक्रोशित हो गया था। वह मन ही मन दोस्त की कत्ल करने की योजना बनाने लगा। लेकिन इस योजना की उसने अपने साथी को भनक तक नहीं लगने दी। एक दिन दोस्त ने अपने साथी भोजन में सल्फास मिला दी। इससे उसके साथ ही की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस में हत्यारोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दोनों दोस्त एक ही कमरे में रहते थे
पुलिस के अनुसार खटीमा निवासी पीयूष राणा अपने दोस्त विनोद कुमार के साथ रुद्रपुर के पास छत्रपुर गांव में किराए पर रहता था। दोनों दोस्त अशोक लीलैंड में काम करते थे। गत एक मई को विनोद अपने घर खटीमा चला गया तो खटीमा निवासी पीयूष का दूसरा दोस्त अभिषेक छतरपुर कमरे पर रुकने आ गया। उसके अगले दिन 2 मई को संदिग्ध परिस्थिति में पीयूष राणा का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम के बाद मृतक का बिसरा और से मौके से एक शीशी, इंजेक्शन और पके हुए दाल चावल को परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था। प्रयोगशाला की रिपोर्ट में मृतक के बिसरे और मौके से मिले दाल-चावल में जहर की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने रविवार को अभिषेक से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली।
भोजन में सल्फास देकर मार डाला
पुलिस के मुताबिक अभिषेक ने बताया कि मृतक पीयूष उसकी मां को बुरी नजर से देखता था। उसकी मां को लेकर गलत -गलत बातें कहता था। इससे अभिषेक को पीयूष से नफरत और घृणा हो गई थी। अभिषेक के अनुसार उसने पीयूष के खाने में सल्फास मिला दी। सुबह जब पीयूष ने दम तोड़ दिया। इसके बाद अभिषेक ने उस पर कंबल ढक दिया, ताकि ऐसा लगे कि वह सो रहा है। सुबह जब विनोद खटीमा से वापस लौटा तो उसे लगा कि पीयूष नींद में है, इसलिए वो भी ड्यूटी करने चला गया। इसके बाद अभिषेक भी अपना सामान लेकर खटीमा चला गया। शाम को जब विनोद ड्यूटी से वापस आया तब पीयूष की मौत का खुलाया हुआ।
ढाई महीने बात गिरफ्तार हुआ हत्यारोपी
एसएसपी डॉक्टर मंजूनाथ टीसी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि घटना के ढाई महीने हो जाने के बाद हत्यारोपित अभिषेक निश्चिंत हो गया था कि वह कानून से बच गया है, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रविवार को अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया।