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Heart Touching : … इसलिए 13 साल की बेटी की डेड बॉडी को बाइक पर लेकर चल दिया बाप,कलेक्टर को पता चला तो..

Heart Touching : … इसलिए 13 साल की बेटी की डेड बॉडी को बाइक पर लेकर चल दिया बाप,कलेक्टर को पता चला तो..

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Madhya Pradesh Heart Touching Story, Shahdol, Father Pulled Daughter Dead Body On Cycle :  इस दुनिया में गरीबी की ऐसी ऐसी जिंदा मिसाल हमारी आंखों के सामने रह रहकर आती है इंसानियत शर्मसार होने लगती है ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश आया है। बताया जाता है कि यहां के आदिवासी बहुल शहडोल जिले के एक पिता को अपनी 13 साल की बेटी की डेड बॉडी को बाइक पर ले जाना पड़ा, क्‍योंकि कथिततौर पर अस्‍पताल ने एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया था। इस घटना से जुड़ी कई तस्वीरें सामने आने के बाद जानकारी मिलते ही कलेक्‍टर वंदना वैद्य ने पीडि़त परिवार को शव वाहन उपलब्‍ध कराया और मामले की जांच के आदेश दिए। 

अस्पताल से गांव की दूरी अधिक होने के कारण नहीं दी गई एंबुलेंस

 हुआ यूं कि कोटा गांव की 13 साल की माधुरी गोंड सिकल सेल अनीमिया से पीड़ित थी। इलाज के दौरान 15 मई को सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। माधुरी के माता-पिता ने बेटी के शव को अपने गांव तक ले जाने के लिए शव वाहन के इंतजाम की कोशिश की, लेकिन कथित तौर पर उनसे कहा गया कि नियम के मुताबिक, 15 किलोमीटर की दूरी के लिए वाहन मिल सकता है, जबकि उनका गांव अस्पताल से 70 किलोमीटर दूर है।

कलेक्टर ने तत्काल शव वाहन का कराया इंतजाम, आर्थिक मदद भी की

गरीब परिजन निजी शव वाहन का खर्च नहीं उठा सकते थे. इसलिए मोटरसाइकल पर ही शव रखकर चल पड़े,  लेकिन जैसे कि मोटरसाइकल बीच शहर से निकली, रात में ही इसकी सूचना कलेक्टर वंदना वैद्य को किसी ने फोन कर दी। कलेक्टर वंदना वैद्य ने खुद आधी रात को शव ले जाते परिजनों को रास्ते में जाकर रुकवाया और सिविल सर्जन को फटकार लगाकर तत्काल शव वाहन भेजने के निर्देश दिए। सिविल सर्जन डॉ. जी एस परिहार भी तब खुद वहां पहुंचे। कलेक्‍टर ने पीडि़त परिवार की कुछ आर्थिक मदद भी की।

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