पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित छात्र नेता अनीस खान हत्याकांड मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच कराने का संकेत दिया है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को न्यायमूर्ति राजशेखर महंथा की पीठ में मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। जज ने मामले की सीबीआई जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में पुलिस ही मुख्य आरोपित है। ऐसे में पुलिस जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हालांकि दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
अनीश खान के पिता ने दायर की थी याचिका
छात्र नेता अनीस खान के पिता सलेम खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दावा किया कि आरोप निचले रैंक के पुलिस कर्मियों और नागरिक स्वयंसेवक के खिलाफ है। इसीलिए पुलिस इसकी बखूबी जांच कर सकती है। मामले में अपनी दलील को समाप्त करते हुए खान के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस के एक विशेष जांच दल की एक रिपोर्ट में यह खुलासा नहीं किया गया है कि हावड़ा जिले के अमता में अनीस खान के घर पर छापेमारी कैसे और किसकी अनुमति पर हुई थी।
तीसरी मंजिल से बेटे को फेंक दिया गया था
राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि खान की मौत दुर्घटनावश हुई थी। भट्टाचार्य ने अदालत के समक्ष दावा किया था कि अनीस खान पर पुलिस की वर्दी पहने चार लोगों ने बेरहमी से हमला किया था। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को 19 फरवरी की रात को उनके घर की तीसरी मंजिल से फेंक दिया गया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला संरक्षित कर लिया है।