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Demise : नहीं रहे हिंदी साहित्य के शिखर आलोचक मैनेजर पांडेय, 81 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Demise : नहीं रहे हिंदी साहित्य के शिखर आलोचक मैनेजर पांडेय, 81 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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Hindi critique Manager Pandey is no more, He passed away at age of 81 Years : हिंदी साहित्य जगत के  आलोचनात्मक लेखन के लिए मशहूर वरिष्ठ लेखक मैनेजर पांडेय का निधन हो गया है। उन्होंने 81 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। मैनेजर पांडेय के निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर है। तमाम लेखकों, पत्रकारों और प्रकाशन संस्थानों से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

बिहार के गोपालगंज में हुआ था जन्म 

मैनेजर पांडेय का जन्म 23 सितंबर, 1941 को बिहार के गोपालगंज जिले के लोहटी में हुआ था। वह हिंदी में मार्क्सवादी आलोचना के प्रमुख हस्‍ताक्षरों में से एक रहे हैं। गम्भीर और विचारोत्तेजक आलोचनात्मक लेखन के लिए उनकी एक अलग ही पहचना थी। मैनेजर पांडेय की उच्च शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई थी। काशी हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने एम.ए. और पीएच. डी. की उपाधियां हासिल की। उन्होंने बरेली कॉलेज, बरेली और जोधपुर विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। इसके बाद वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर और जेएनयू में भारतीय भाषा केन्द्र के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया।

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