National News Update, New Delhi, Supreme Court Collegium: देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक सिफारिश की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक एक रिटायर्ड जिला जज को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है। यह अपने आप में अनूठी बात है क्योंकि आम तौर पर रिटायरमेंट के बाद नियुक्तियां नहीं होती हैं। कॉलेजियम ने पाया कि जिस दिन जगह खाली हुई थी, उस दिन जज रिटायर नहीं हुए थे और वह इस पद के दावेदार थे। कॉलेजियम में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस संजय किशन कौल और केएम जोसफ भी शामिल हैं। कॉलेजियम ने रूपेश चंद्र वार्ष्णेय के नाम की सिफारिश की है, जिन्होंने 28 सितंबर 1987 को न्यायिक सेवा जॉइन की थी। वह मध्य प्रदेश हायर ज्यूडिशियल सर्विस के वरिष्ठ सदस्य हैं, जो हाईकोर्ट का जज बनने के दावेदार हैं।
इससे पहले हाईकोर्ट के दो रिटायर्ड जज बने थे सुप्रीम कोर्ट के जज
इससे पहले जस्टिस बहरूल इस्लाम (1980) और जस्टिस फातिमा बीवी (1989) को हाईकोर्ट जज के तौर पर रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। इंटेलिजेंस ब्यूरो रिपोर्ट का हवाला देते हुए कॉलेजियम ने कहा कि वार्ष्णेय की व्यक्तिगत और पेशेवर छवि बहुत अच्छी है। उनकी ईमानदारी और निष्ठा के मामले में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है। जजों की मूल्यांकन समिति ने उनके न्यायिक प्रदर्शन की समीक्षा की और उसे बहुत अच्छा पाया है। उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी अच्छी रही है।