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रायबरेली में गरजे गृह मंत्री, बोले – पीओके भारत का है, रहेगा और हम इसे लेकर रहेंगे 

रायबरेली में गरजे गृह मंत्री, बोले – पीओके भारत का है, रहेगा और हम इसे लेकर रहेंगे 

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Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Raebareli news, UP news, election 2024 : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को रायबरेली में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मणिशंकर अय्यर और फारूख अब्दुल्ला कहते हैं कि पीओके की बात मत करो। पाकिस्तान के पास एटम बम है। मैं आज यहां से कह कर जाता हूं, आपको डरना है, तो डरिये, लेकिन पीओके भारत का है, रहेगा और हम इसे लेकर रहेंगे। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में एसबीएस कान्वेंट स्कूल के सामने मैदान, परशुरामपुर, थिकाही जगतपुर सलोन रोड में आयोजित जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल के बाद नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की है। ये कांग्रेस वाले कहते हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ढंग से नहीं हुई। लेकिन, मेरी बात याद रखना अगर ये इंडी अलायंस वाले आ गये, तो ये राम मंदिर पर फिर से बाबरी ताला लगा देंगे।

अपने बेटों को प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बनाना चाहते इंडी के नेता

अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग केवल अपने परिवारों के लिए राजनीति करनेवाली कांग्रेस और सपा का पूरी तरह सफाया करने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इंडी अलायंस परिवारवादी गठबंधन है। ये सिर्फ अपने परिवार की सोचते हैं। लालू प्रसाद यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। ममता बनर्जी अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं और सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। वे कह रहे हैं कि रायबरेली और अमेठी की सीट हमारे परिवार की सीट हैं। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि इन्हें किसने विरासत में दीं ये सीटें ? राबरेली व अमेठी वाले जिसे चाहेंगे, वहीं संसद जायेगा। जो संकट में साथ रहता है, जो विकास की बात करता है, मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि अमेठी में स्मृति बहन और रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह जीतेंगे और ये दोनों सीटें पीएम मोदी की झोली में जानेवाली हैं।

मतदान का प्रतिशत बढ़ना अनुच्छेद 370 निरस्त करने की सफलता 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत पहले के 14 प्रतिशत से बढ़कर अब लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। यह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है।

दो दिवसीय दौरे पर आये केन्द्रीय गृह मंत्री ने पत्रकारों के सामने कहा कि कश्मीर घाटी में पहले लोग चुनाव बहिष्कार के नारे लगाते थे, लेकिन इस साल चुनाव में चरमपंथी समूहों के सभी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चरमपंथी समूहों के सभी नेताओं ने मतदान किया। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किसे वोट देते हैं। यह उनका अधिकार है, लेकिन कम से कम वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा थे। हर बार चुनाव बहिष्कार के नारे लगाने के बजाय इस बार चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए।

केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान एक डंडा भी नहीं चलाया गया। धांधली की कोई घटना नहीं हुई और मतदान धैर्यपूर्वक हुआ। किसी भी राजनीतिक दल की ओर से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। इससे पता चलता है कि बदलाव दिख रहा है। अमित शाह ने यह भी बताया कि पहली बार 40 प्रतिशत से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने चुनाव में मतदान किया। आज तक यह आंकड़ा कभी भी 03 फीसदी से ऊपर नहीं गया। इससे पता चलता है कि लोग अब खुद पर भरोसा रखते हैं और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं।

श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहला आम चुनाव हुआ, जिसमें 37.99 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह कई दशकों में सबसे अधिक मतदान है। श्रीनगर में 1996 में 40.94 प्रतिशत, 1998 में 30.06 प्रतिशत, 1999 में 11.93 प्रतिशत, 2004 में 18.57 प्रतिशत, 2009 में 25.55 प्रतिशत, 2014 में 25.86 प्रतिशत और 2019 में 14.43 प्रतिशत मतदान हुआ।

दो दिवसीय दौरे पर आये केन्द्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से शुक्रवार को किसी औपचारिक सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता नहीं की। उन्होंने पहाड़ी, सिख और गुज्जर/बकरवाल समुदायों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और भाजपा नेताओं के साथ पार्टी मामलों पर विस्तृत चर्चा की।

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