India is the world’s fifth largest economy today, will become the world’s top three economy in future: Narendra Modi, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Gandhi Nagar news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में 10वीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है और आनेवाले वर्षों में इसकी गिनती विश्व के टॉप थ्री देशों में होगी। इस कार्यक्रम में यूएई के राष्ट्रपति, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति, तिमोर लेस्ते के राष्ट्रपति, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित 130 से अधिक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य
देश के अमृत काल की प्रथम और गुजरात की 10वीं वाइब्रेंट समिट का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हुए और अब आगामी 25 वर्ष इसी लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए 100 वर्ष पूर्ण होने पर यानी वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य है। अमृत काल की यह प्रथम वाइब्रेंट समिट नये सपनों, संकल्प और सिद्धियों को साकार करने का महत्त्वपूर्ण माध्यम सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री ने इस अमृत काल की प्रथम वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में उपस्थित 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को भारत की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट समिट इकोनॉमिक डेवलपमेंट तथा इन्वेस्टमेंट से जुड़ी जानकारियों तथा अनुभवों को शेयर करने का ग्लोबल प्लेटफॉर्म बनी है।
दोनों देशों के बीच दिनों-दिन मजबूत हो रहे संबंध
वाइब्रेंट समिट में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में यूएई के सहयोगी होने पर आनन्द व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस समिट के मुख्य अतिथि के रूप में यूएई के राष्ट्रपति की उपस्थिति दोनों देशों के बीच दिनों-दिन मजबूत हो रहे आत्मीय सम्बन्धों का प्रतीक है। भारत-यूएई के बीच घनिष्ठ होते जा रहे व्यापारिक सम्बन्धों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि फूड पार्क के विकास, रिन्यूएबल एनर्जी तथा इनोवेटिव हेल्थ केयर में निवेश, और भारत में पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए यूएई की कम्पनियों द्वारा बिलियन डॉलर से अधिक एमओयू हुए हैं। यूएई के सोवरेन फंड्स द्वारा गिफ्ट सिटी में शुरू हुए आपरेशन तथा ट्रांसवर्ल्ड कम्पनी द्वारा शुरू होने वाले एयरक्राफ्ट एवं शिप लीजिंग गतिविधियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच हुए मजबूत सम्बन्धों का श्रेय यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को दिया।
अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता मिलने पर गर्व
प्रधानमंत्री ने मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी का समिट में स्वागत करते हुए कहा कि वे आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं। नरेन्द्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता मिलने पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि मोजाम्बिक के राष्ट्रपति की उपस्थिति दोनों देशों के बीच सम्बन्धों के अलावा भारत तथा अफ्रीका के बीच भी संबंधों को घनिष्ठ बनायेगी। यह कहते हुए कि चेक रिपब्लिक शुरुआत से ही वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भागीदार रहा है, उन्होंने कहा कि चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री के रूप में पीटर फियाला की पहली भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध और गहरे होंगे। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सहयोग की बात कही।
जोस की गांधीनगर यात्रा बहुत ही विशेष
डेमोक्रैटिक रिपब्लिक आफ तिमोर लेस्ता के राष्ट्रपति जोस रामोस होर्टा का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत को अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने वाले जोस की गांधीनगर यात्रा बहुत ही विशेष है। उन्होंने आसियान समेत अन्य संगठनों में तिमोर लेस्ते के साथ सहयोग को बेहद महत्त्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 20 वर्षों में, वाइब्रेंट शिखर सम्मेलन ने विश्व स्तर पर नये विचारों के मंच के रूप में काम किया है और नये निवेश के लिए नये मार्ग प्रशस्त किये हैं। 10वें वाइब्रेंट गुजरात समिट की थीम गेटवे टू द फ्यूचर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान विश्व के लिए भविष्य का रोड मैप प्रस्तुत किया गया था और इसे वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के विजन के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है।
भारत का ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’ का सिद्धांत विश्व कल्याण के लिए अनिवार्य
उन्होंने कहा कि भारत का ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’ का सिद्धांत विश्व कल्याण के लिए अनिवार्य है। भारत ‘विश्व-मित्र’ देश बनने की ओर अग्रसर है। भारत ने दुनिया को आश्वस्त किया है कि आपसी सहयोग से साझा सामूहिक लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। वैश्विक कल्याण के लिए भारत की प्रतिभा, समर्पण और कड़ी मेहनत दुनिया को अधिक सुरक्षित और समृद्ध बना रही है।
दुनिया अब भारत को स्थिरता के पर्याय के रूप में, एक भागीदार के रूप में जो जन-केन्द्रित विकास में विश्वास करता है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास के इंजन के रूप में, समाधान खोजने वाली प्रौद्योगिकी के केन्द्र के रूप में और प्रतिभाशाली युवाओं और एक सफल लोकतंत्र के पावरहाउस के रूप में देखती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के 1.4 बिलियन नागरिकों की ताकत, जन-केन्द्रित समावेशी और समानता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता, वैश्विक समृद्धि और विकास के लिए प्रेरक कारक हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन 10 साल पहले हमारा देश 11वें स्थान पर था। उन्होंने यह भी कहा कि आनेवाले वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में शामिल होगा। विशेषज्ञ इसका विश्लेषण करें लेकिन मैं गारंटी देता हूं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इस अवसर पर उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से भारत में निवेश करने की अपील भी की।